Last Updated: Saturday, December 31, 2011, 09:51
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री पी चिंदबरम सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हमारे पास आधी रात को लोकपाल बिल के मामले को सुलझाने का और कोई रास्ता नहीं बचा था। उन्होंने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि एकमात्र दूरदर्शी तरीका यही था कि लोकपाल पर बहस को अधूरा रखा जाए ताकि बजट सत्र में इस पर आगे की चर्चा की जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस द्वारा लोकपाल विधेयक का विरोध करने पर सरकार के हैरत में पड़ने की बात स्वीकार करते हुए गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बजट सत्र में कानून पारित करवाने के मद्देनजर सहयोगियों का समर्थन हासिल करने के लिए सरकार एक या दो संशोधनों को स्वीकार कर सकती है।
चिदंबरम ने कहा है कि बीजेपी चाहती ही नहीं थी कि बिल पास हो। उन्होंने कहा कि हमने कभी एक साथ 187 संशोधनों की बात नहीं सुनी थी। उन्होंने कहा कि हमें लगा कि तृणमूल कांग्रेस मान गई है, लेकिन उसने 27 दिसंबर के बाद अपना रुख बदल लिया। गृहमंत्री ने विश्वास जताया है कि सरकार बजट सत्र से पहले तृणमूल कांग्रेस को लोकपाल पर अपने साथ कर लेगी ताकि वह उसका समर्थन हासिल कर सकें।
लोकपाल विधेयक पर विपक्ष के हमले के बीच कांग्रेस ने कहा है कि यह जल्द ही वापस आएगा। पार्टी का कहना है कि यह बिल न तो मरा है न ही यह आईसीयू में है।
लोकपाल विधेयक के लिए बनी संसदीय समिति के प्रमुख और राज्ससभा सांसद सिंघवी का यह बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने संवैधानिक दर्ज के साथ सशक्त लोकपाल विधेयक लाने तक आराम न करने का वादा किया था।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक रैली में राहुल ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा नहीं मिल पाने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि यह महज उनका नहीं बल्कि पूरी देश के युवाओं का सपना था और कांग्रेस तब तक आराम नहीं करेगी जब तक यह पूरा नहीं हो जाता।
First Published: Sunday, January 1, 2012, 14:06