Last Updated: Friday, September 27, 2013, 16:28

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राष्टपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और कहा कि दोषी सांसदों और विधायकों पर अध्यादेश से लोगों में असंतोष है । उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि उन्हें अध्यादेश को पुनर्विचार के लिए सरकार के पास वापस भेज देना चाहिए । पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, शांति भूषण और प्रशांत भूषण सहित आप नेता मुखर्जी से मिले और मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा ।
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को सूचित किया है कि उच्चतम न्यायालय ने जन प्रतिनिधित्व कानून के एक प्रावधान को असंवैधानिक करार देते हुए इसे खारिज कर दिया है, तब सरकार अध्यादेश के जरिए उसी प्रावधान को कैसे ला सकती है ।
केजरीवाल ने कहा कि यदि प्रावधान असंवैधानिक है तो अध्यादेश भी खुद ही असंवैधानिक हो गया है । उन्होंने कहा कि दागी सांसदों, विधायकों को बचाने के सरकार के प्रयास से लोगों में असंतोष है और राष्ट्रपति को इसे अपनी मंजूरी नहीं देनी चाहिए । आप ने अपने ज्ञापन में उल्लेख किया कि अध्यादेश केवल आपात स्थिति में ही उठाया जाने वाला कदम है ।
ज्ञापन में कहा गया है कि स्पष्ट है कि इस अध्यादेश को लाने की कोई आपात स्थिति नहीं थी । असल में यह विधेयक पिछले सत्र में राज्यसभा में पेश किया गया था और फिर इसे स्थाई समिति को भेज दिया गया, जिससे पता चलता है कि कोई आपात स्थिति नहीं थी । ऐसा प्रतीत होता है कि लालू यादव और ऐसे अन्य व्यक्तियों की दोषसिद्धि की संभावना को देखते हुए उन्हें अयोग्यता से बचाने के लिए इस तरह की आपात स्थिति बन गई । (एजेंसी)
First Published: Friday, September 27, 2013, 16:28