आरएसएस यानी रूरल स्वदेशी संडास?

आरएसएस यानी रूरल स्वदेशी संडास?

आरएसएस यानी रूरल स्वदेशी संडास?ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : अपने बयानों से भाजपा और संघ यानी आरएसएस को निशाना बनाने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस बार ट्वीटर के जरिए द्विअर्थी ट्वीट किया है। इस बार उन्होंने आरएसएस को निशाने पर लेते हुए ट्वीट किया है, `ग्रामीण इलाकों के 70 प्रतिशत लोगों को आज भी सुबह-सुबह टॉइलेट के लिए खेतों में जाना पड़ता है। ऐसे में हमें और ज्यादा टॉइलेट्स की जरूरत है, जिन्हें हम `रूरल स्वदेशी संडास`(RSS) कह सकते हैं।`

थोड़ी ही देर बाद दिग्विजय ने फिर से ट्वीट किया, `क्या जयराम रमेश मेरे पहले वाले ट्वीट पर ध्यान देंगे? साथ ही मैं उन लोगों से माफी चाहता हूं, जिन्हें मेरे पिछले ट्वीट में किसी तरह का कटाक्ष दिख रहा है।` कुछ देर बाद उन्होंने फिर से ट्वीट किया, `हां, मैं सहमत हूं कि शहरों में भी इस तरह का इंतजाम होना चाहिए। इसलिए इसे राष्ट्रीय स्वच्छ शौचालय (RSS) कहना चाहिए। मेरा इस शब्द से किसी और मतलब निकालने का कोई इरादा नहीं है।` आखिर में दिग्विजय ने फिर से ट्वीट किया, `जो लोग राष्ट्रीय स्वच्छ शौचालय के संक्षिप्त रूप (RSS) का कोई और मतलब निकाल रहे हैं, उनकी अपनी सोच खराब है।`

अब देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के इस द्विअर्थी ट्वीट से भाजपा और आरएसएस को कितना गुस्सा आता है। दिग्विजय चाहते तो स्वदेशी और संडास शब्द के आगे रूरल शब्द की जगह ग्रामीण शब्द का प्रयोग भी कर सकते थे। लेकिन ऐसा करते तो उससे इसका संक्षिप्त नाम `आरएसएस` नहीं बनता।

First Published: Saturday, August 25, 2012, 11:42

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