Last Updated: Friday, April 12, 2013, 08:30

नई दिल्ली : वर्ष 1984 में भड़के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका के आरोपों का सामना कर रहे कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने कहा कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि अगर मेरे खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आरोप तय होने पर वह अपना चेहरा भी पार्टी को नहीं दिखाएंगे।
टाइटलर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यदि अदालत मेरे खिलाफ आरोप तय करती है तो मैं पद छोड़ने में एक पल भी नहीं लगाउंगा, जो मेरे पास होगा क्योंकि इससे पार्टी को परेशानी होगी और मेरे लिए पार्टी सबसे उपर है। टाइटलर ने यह कहते हुए गवाहों पर हमला बोला कि वे भरोसेमंद नहीं हैं और झूठ बोल रहे हैं।
सुरिंदर सिंह नाम के एक गवाह पर पांच दफा अपना बयान बदलने का आरोप लगाते हुए टाइटलर ने सवाल किया कि वरिष्ठ वकील एच एस फुल्का ने बयान लिखने के लिए उस पर दबाव क्यों बनाया।
टाइटलर ने कहा कि सुरिंदर सिंह और जसबीर सिंह के बयान के आधार पर मेरा नाम फिर आया है। सुरिंदर सिंह ने पहले अंग्रेजी में बयान दिया और फिर गुरुमुखी में एक लिखित बयान दिया। मैं जानना चाहता हूं कि आखिर फुल्का ने बयान लिखने के लिए सुरिंदर सिंह पर दबाव क्यों बनाया? उन्होंने दावा किया कि वह अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे और इस मामले की जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ये सभी गवाह भरोसेमंद नहीं हैं और झूठ भी बोल रहे हैं। टाइटलर ने सवाल उठाया कि भाजपा जब सत्ता में आयी थी तो उसने इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की।
उन्होंने कहा कि भाजपा दो दफा सत्ता में आयी। वह भी तो मेरे खिलाफ कार्रवाई कर सकती थी। मैं 1984 के सिख दंगों के मामले में किसी भी जांच के लिए 100 फीसदी तैयार हूं। टाइटलर ने कहा कि उन्हें उस वक्त ‘क्लीन चिट’ दी गयी थी जब राजग के शासनकाल में लालकृष्ण आडवाणी केंद्रीय गृह मंत्री थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 08:30