Last Updated: Wednesday, January 25, 2012, 15:43

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने बुधवार को कहा कि सभी देश, चाहे वे विकसित हों या विकासशील, विश्व की आर्थिक अस्थिरता से प्रभावित हैं और कम या ज्यादा मात्रा में बेरोजगारी तथा महंगाई की समस्या का सामना कर रहे हैं। पाटील गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा, हम आज ऐसे विश्व में रह रहे हैं जो कि जटिल है और चुनौतीपूर्ण है। वैश्वीकरण की प्रक्रियाओं ने, एक ऐसे विश्व का निर्माण किया है जो आपस में संबद्घ और परस्पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, वास्तव में, 21वीं सदी अपने साथ बड़ी तेजी से, बहुत सारे मुद्दों को लेकर आई है। लोगों की आकांक्षाओं में वृद्घि हुई है और वे उनके तुरंत समाधान की अपेक्षा रखते हैं। आज हम सूचना विस्फोट के साथ, नए से नए तकनीकी अविष्कारों को देख रहे हैं। इन्होंने हमारी जीवन-शैली को ही बदल डाला है और भौतिक सुविधाओं के प्रति चाह भी बढ़ी है।
पाटील ने कहा कि लगातार ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि तरक्की तथा संसाधनों का अधिक समतापूर्ण तरीके से, कैसे साझा किया जाए। इस बात पर भी चिंता जताई जा रही है कि वैश्वीकरण, ज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के इस युग में मानव समुदाय किस दिशा में बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत में हमारी चर्चा का विषय यह है कि एक प्राचीन सभ्यता वाला हमारा यह युवा देश अपनी नियति को प्राप्त करने के लिए किस तरह आगे बढ़े।
राष्ट्रपति ने कहा, हमारी परिकल्पना तथा हमारे लक्ष्य स्पष्ट हैं। हम अपने देश को ऐसा देश बनाना चाहते हैं, जिसकी अर्थव्यवस्था इतनी सुदृढ़ हो ताकि हम तरक्की करते हुए एक विकसित देश बन सकें। परंतु हमारे लिए केवल आर्थिक समृद्घि पर्याप्त नहीं है। भारत को हम एक ऐसे देश के रूप में भी देखना चाहते हैं, जिसमें समता और न्याय हो।
जरूरतमंदों को मिले स्वास्थ्य सुविधाएंराष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने बुधवार को स्वास्थ्य सेवा में विस्तार का आह्वान करते हुए कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को गुणवत्तापरक और कम लागत में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की जरूरत है। राष्ट्रपति ने 63वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा, अपने मानव संसाधन को विकसित करने के लिए स्वास्थ्य सेवा को मजबूत बनाना, सबसे पहले जरूरी है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा तक सभी की पहुंच होनी चाहिए। हमें खासकर, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोत्तरी करनी होगी। हमें अपनी जनता के लिए, गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधाएं, कम लागत पर उपलब्ध करानी होंगी।
राष्ट्रपति के मुताबिक, सूचना एवं संचार तकनीकी के इस युग में, हमारे स्वास्थ्य तथा शिक्षा मिशन में तकनीक बहुत सहायक हो सकती है।
लैंगिक भेदभाव खत्म करने की जरूरत राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने महिलाओं को पूरी तरह राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा समाज में व्याप्त, उन सामाजिक पूर्वाग्रहों को समाप्त किया जाना चाहिए, जिनके कारण लैंगिक भेदभाव शुरू हुआ है। राष्ट्रपति ने 63वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में कहा, किसी भी समाज में महिलाओं की स्थिति उस समाज की तरक्की का एक प्रमुख संकेत होता है। महिलाओं के सशक्तीकरण से, ऐसे सामाजिक ढांचों को खड़ा करने में मदद मिलेगी जो स्थिर हों।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन स्थापित किया गया। इससे महिला केंद्रित तथा महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के समन्वित कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी। महिलाओं के विकास का एक महत्वपूर्ण पहलू, उनकी आर्थिक तथा सामाजिक सुरक्षा है।
पाटील ने कहा, बालिका भ्रूण-हत्या, बाल-विवाह तथा दहेज जैसी, सामाजिक बुराइयों को समाप्त करना जरूरी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 26, 2012, 11:59