आर्मी चीफ उम्र विवाद: SC ने उठाए सवाल - Zee News हिंदी

आर्मी चीफ उम्र विवाद: SC ने उठाए सवाल



ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

 

नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने आयु गतिरोध पर पहले दौर की कानूनी लड़ाई जीत ली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि जिस तरीके से उनकी वैधानिक शिकायत को खारिज किया गया है वह दुर्भावना से ग्रस्त लगता है।

 

न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को तय करते हुए यह जानना चाहा कि क्या सरकार 30 दिसम्बर 2011 के अपने आदेश का वापस लेना चाहेगी।

 

रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने 30 दिसम्बर को एक आदेश जारी किया था जिसमें जनरल सिंह की उस वैधानिक शिकायत को खारिज कर दिया गया था जिसमें कहा गया था कि सेना के रिकार्ड में उनकी जन्मतिथि को 10 मई 1950 नहीं बल्कि 10 मई 1951 माना जाए।

 

न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा और न्यायमूर्ति एच एल गोखले की पीठ ने सरकार पर प्रश्न उठाये। पीठ का मानना था कि रक्षा मंत्रालय का 21 जुलाई 2011 का वह आदेश अटॉर्नी जनरल की राय पर आधारित था जिसमें जन्मतिथि को 10 मई 1950 माना गया था। इसके साथ ही वह मामला भी अटार्नी जनरल की राय पर आधारित था जब 30 दिसम्बर को वैधानिक शिकायत पर आदेश पारित किया गया था।

 

जब न्यायालय ने पूछा कि क्या सरकार 30 दिसम्बर का अपना आदेश वापस लेना चाहेगी अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सरकार के निर्देश प्राप्त करेंगे।

 

कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार 30 दिसम्बर के अपने आदेश को वापस ले लेती है तो जनरल सिंह के समक्ष अन्य उपाय उपलब्ध हैं। न्यायालय ने कहा कि उस स्थिति में 21 जुलाई के आदेश के खिलाफ जनरल सिंह की वैधानिक शिकायत पर प्राधिकारियों द्वारा पुन: विचार किया जा सकता है तथा इसके अलावा उनके पास सशस्त्र बल न्यायाधिकरण में जाने का विकल्प भी है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि जब यह कहा गया कि जनरल सिंह की शिकायत विचार योग्य नहीं है तब उनके पास सुप्रीम कोर्ट में आने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।

 

अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल रोहिनटन नरीमन ने सरकार के कदम का बचाव किया और कहा कि तथ्यों पर जनरल सिंह के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं बरता गया है ।

 

पीठ ने साथ ही अटार्नी जनरल से यह भी पूछा कि क्या सरकार 30 दिसम्बर के अपने आदेश को वापस लेना चाहती है। उसने कहा, ‘स्पष्ट कीजिये कि क्या आप 30 दिसम्बर के आदेश को वापस लेना चाहते हैं।’ इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, ‘मैं निर्देश प्राप्त करूंगा।’

 

न्यायालय ने उनसे कहा, ‘आप इस आदेश पर अपना रुख तय करिये।’ पीठ ने इसके साथ ही सरकार से पूछा कि क्यों नहीं इस मामले को समाप्त कर दिया जाए। इस बीच यह सुझाव दिये गए कि जनरल सिंह सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के पास जा सकते हैं। पीठ ने कहा कि उन्हें अवकाश ग्रहण करने में केवल चार महीने ही शेष रह गए हैं इसलिए यह संभवत: सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं होगा।

 

क्या है जनरल वी के सिंह की मांग

जनरल वी के सिंह ने मांग की है कि साल 1951 को उनके जन्म के साल के रूप मान्यता दी जाए। उधर सरकार का दावा है कि सेना प्रमुख का जन्म 1950 में हुआ था। सेना के दस्तावेजों में जनरल सिंह की दो अलग-अलग जन्मतिथि दर्ज है। जनरल सिंह ने अपने जन्म सम्बंधी दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा है कि उनका जन्म 1951 में हुआ था और इस तरह उन्हें मार्च 2013 में सेवानिवृत्त होना है।

First Published: Saturday, February 4, 2012, 10:19

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