इटली के इंकार पर अध्ययन में जुटी केंद्र सरकार

इटली के इंकार पर अध्ययन में जुटी केंद्र सरकार

इटली के इंकार पर अध्ययन में जुटी केंद्र सरकारनई दिल्ली: इटली ने केरल तट से सटे अरब सागर में दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने दो सुरक्षा कर्मियों को वापस भारत भेजने से इंकार कर दिया है। केंद्र सरकार इटली के इस फैसले का अध्ययन कर रही है। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने मंगलवार को कहा कि इटली के मालवाहक जहाज के सुरक्षाकर्मियों को देश में होने वाले आम चुनाव में मतदान के लिए भेजा गया था और यह देश का `सामूहिक निर्णय` था।

खुर्शीद ने कहा कि यह न केवल सर्वोच्च न्यायालय का फैसला था, बल्कि हमारे देश का सामूहिक निर्णय था। उन्हें क्रिसमस मनाने के लिए भी उनके देश भेजा गया था, जिसके बाद वे लौट आए थे। इटली के इस निर्णय पर हमारी प्रतिक्रिया यह देखने के बाद आएगी कि उसने इसके पीछे क्या तर्क दिए हैं।

इटली के मालवाहक जहाज के दो सुरक्षा कर्मियों- मेस्सिमिलानो लाटोरे तथा सेलवाटोरे जिरोने को आम चुनाव में मतदान करने और परिजनों से मिलने के लिए भेजा गया था। लेकिन अब इटली ने उन्हें वापस भारत भेजने से मना कर दिया है। यह निर्णय इटली के रक्षा एवं न्याय मंत्रालयों ने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया।

इटली के उक्त दोनों सुरक्षाकर्मियों पर फरवरी 2012 में केरल तट से लगे अरब सागर में भारतीय मछुआरों की नौका को समुद्री लुटेरे समझकर उन पर गोली चलाने का आरोप है, जिसमें दो मछुआरों की मौत हो गई थी। इस मामले में उनके खिलाफ यहां मुकदमा चल रहा है।

इटली का कहना है कि यह घटना अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्र में हुई, इसलिए मुकदमा उनके यहां चलेगा। लेकिन भारत का दावा है कि घटना उसके समुद्र क्षेत्र में हुई थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को इटली में 24-25 फरवरी को होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए अपने देश जाने की अनुमति दी थी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 12, 2013, 13:36

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