Last Updated: Tuesday, August 6, 2013, 22:20

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने इशरत जहां मुठभेड़ कांड में गिरफ्तार गुजरात काडर के निलंबित आईपीएस अधिकारी एनके अमीन की याचिका पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो से मंगलवार को जवाब तलब किया। अमीन चाहते हैं कि उनके खिलाफ आरोपों को निरस्त किया जाए।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति एसए बोबडे की खंडपीठ ने जांच ब्यूरो को नोटिस जारी किया। जांच ब्यूरो को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है। जांच एजेंसी ने इस मामले में तीन जुलाई को अमीन सहित सात पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें इन सभी पर 19 वर्षीय इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै, जीशान जौहर और अमजद अली राणा को 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मुठभेड़ में हत्या करने और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड में भी अमीन आरोपी हैं। इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने अमीन को जमानत दे दी थी जिसे सीबीआई ने शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है। अमीन को जमानत के दौरान ही केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने इशरत जहां मुठभेड़ कांड में चार अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में निलंबित आईपीएस अधिकारी जीएल सिंघल, सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक जे जी परमार, मेहसाणा के पुलिस उपाधीक्षक एसपी तरुण बरोट और कमांडो अजानु चौधरी को विशेष सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी थी क्योंकि जांच एजेंसी उनकी गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 6, 2013, 22:20