इस कला पर है महात्मा गांधी की छाप

इस कला पर है महात्मा गांधी की छाप

नई दिल्ली : महात्मा गांधी के ‘सर्वोदय’ और ‘स्वधर्म’ के सिद्धांतों ने एक कलाकार की कलाकृतियों में प्रेरणा के नए रंग भर दिए हैं। इस कलाकार ने महिलाओं द्वारा सिलाई किए गए खादी के कपड़े पर अजरख प्रिंट वाली कलाकृतियां तैयार करके इनका प्रदर्शन मल्टीमीडिया वाले काव्य पाठ के साथ किया। शैली ज्योति की ‘सॉल्ट:द ग्रेट मार्च 2013’ नामक इस प्रदर्शनी का आयोजन इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स में किया जा रहा है।

खुद को एक विजुअल आर्टिस्ट, स्वतंत्र निरीक्षक और कला, क्राफ्ट व डिजाइन वाला व्यक्ति मानने वाली शैली कहती हैं, मेरा यह काम एक ऐसे समाज की स्थापना की संभावनाएं तलाशता है जिन्हें गांधी के ‘स्वधर्म’ आदर्श या सभी का उत्थान के सिद्धांत को सही ढंग से लागू करके स्थापित किया जा सकता है। शैली कहती हैं कि उन्होंने अपने इस सफर की शुरूआत मार्क कर्लेंस्की की किताब ‘सॉल्ट:ए वर्ल्ड हिस्ट्री’ से प्रेरित कला प्रोजेक्ट के जरिए की थी। अहिंसा के प्रतीक के रूप में नमक और स्वदेशी राजनीति की कहानियों में सहिष्णुता, शांति, मैत्री के अभ्यास उनकी कला के लक्ष्य रहे हैं।

शैली कहती हैं, खादी, नमक, रबड़ के पाइप आदि के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए मैं कुछ दिनों के लिए दांडी गई। इन चीजों को गुजरात के दांडी से लाकर कलाकृतियों में इस्तेमाल किया गया है। चार सप्ताह तक चलने वाली इस प्रदर्शनी की शुरूआत 28 सितंबर को हुई और इसका उद्घाटन राज्यसभा सांसद और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष करण सिंह ने किया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 15:38

comments powered by Disqus