Last Updated: Tuesday, December 6, 2011, 13:03
नई दिल्ली : माओवादियों ने इस साल न सिर्फ बड़े पैमाने पर आम लोगों की हत्या की, बल्कि सुरक्षाबलों के कई जवान भी उनसे संघर्ष के दौरान शहीद हुए। नक्सलियों ने 124 सुरक्षा जवानों सहित 500 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया।
सूत्रों के मुताबिक 2011 में नवंबर तक माओवादियों के साथ संघर्ष में सुरक्षाबलों के 124 जवान शहीद हो गए जबकि नक्सलियों ने 389 आम लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 2010 में भी माओवादियों ने लगभग 626 आम नागरिकों की हत्या की थी जबकि उनके साथ संघर्ष के दौरान 277 सुरक्षा जवान शहीद हुए। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में पिछले साल 277 माओवादी मारे गए।
सूत्रों ने बताया कि 2011 और इससे पहले के छह साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि माओवादियों ने सुरक्षाबलों के जवानों सहित कुल 3836 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। उन्होंने कहा कि देश के नौ राज्य नक्सल हिंसा की चपेट में हैं। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश नक्सल हिंसा प्रभावित हैं। नक्सलियों के हाथों आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं में छत्तीसगढ़ सबसे आगे है और इस साल अब तक लगभग 182 लोगों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया। झारखंड में 137, महाराष्ट्र में 50, बिहार 49, उडीसा में 49 और पश्चिम बंगाल में 40 लोग मारे गए।
सूत्रों ने कहा कि 2006 में भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का आकलन था कि नक्सलियों के 20 हजार से अधिक सशस्त्र कैडर हैं जबकि 50 हजार नियमित कैडर। फरवरी 2009 में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि नक्सलियों के प्रभुत्व वाले इलाकों में सुरक्षाबलों का अभियान भी चलेगा और विकास कार्य भी किए जाएंगे।
अभी लगभग 24 दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नक्सल प्रभावित राज्यों से कहा था कि वे माओवादी उग्रवादियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई के साथ साथ विकास की व्यापक योजना तैयार करें। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने नक्सल प्रभावित राज्यों से कहा कि सुरक्षाबलों की ठोस कार्रवाई और विकास कार्यक्रमों के बिना इस समस्या का सफलतापूर्वक मुकाबला नहीं किया जा सकता है। नक्सलियों ने पिछले पांच साल में लगभग 260 स्कूल ध्वस्त कर दिए। गृह मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में कहा कि नक्सल हिंसा के दौरान सबसे अधिक 131 स्कूल छत्तीसगढ में ध्वस्त हुए। झारखंड में 63, बिहार में 46 स्कूल माओवादियों ने ध्वस्त किए।
उधर, नक्सल प्रभावित छह राज्यों छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नक्सलियों ने 71 स्कूल ध्वस्त किए। 2006 में नक्सलियों ने 59 स्कूल ध्वस्त किए। 2007 में 43, 2008 में 25, 2010 में 39 और 2011 में (नवंबर तक) 21 स्कूल माओवादियों ने ध्वस्त कर दिए। यूनेस्को ने जनवरी से जुलाई 2009 के बीच नक्सली वारदात का जिक्र करते हुए कहा है कि इस दौरान झारखंड में 11 और बिहार में नौ स्कूल माओवादियों ने ध्वस्त कर दिए।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि 2009 में नक्सलियों ने झारखंड और बिहार में कम से कम 50 स्कूलों पर हमले किए। माओवादियों ने झारखंड के चौका में एक शिक्षक के घर को आग लगा दी और उससे मारपीट की। अप्रैल 2009 में झारखंड के ही मंदर में एक बच्चे को नक्सलियों ने महज इसलिए कथित यातना दी क्योंकि उसने नक्सलियों की बाल ब्रिगेड में शामिल होने से इनकार कर दिया था।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 6, 2011, 18:33