Last Updated: Thursday, February 23, 2012, 10:18
नई दिल्ली : अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों ने आज चुनाव आयोग से मुलाकात की और ईवीएम में ‘राइट टू रिजेक्ट’ के विकल्प को शामिल करने और ऐसे उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की, जिनके खिलाफ अदालत ने आरोप तय कर दिया है।
अन्ना हजारे ने अपने करीबी सहयोगियों संतोष हेगड़े, प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी के साथ यहां मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी से मुलाकात की और चुनाव सुधार से जुड़े मुद्दों पर करीब एक घंटे तक बातचीत की। टीम अन्ना के सदस्यों ने इस मुलाकात को काफी लाभकारी बताया और कहा कि चुनाव आयोग ने उनके विचारों और उनकी मांगों को बहुत ही ध्यान से सुना।
किरण बेदी ने कहा कि उन्होंने फार्म (ओ) को शामिल किए जाने का मुद्दा उठाया जिसमें मतदाता यह कहते हुए अपना मतदान कर सकता है कि वह उपरोक्त उम्मीदवारों में से किसी को वोट नहीं देना चाहता। उन्होंने कहा कि राइट टू रिजेक्ट एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसे इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में शामिल किया जाए। यह मामला कानून मंत्रालय के पास 2001 से लंबित है। इसके लिए बस नियमों में संशोधन करने की जरूरत है। इसके लिए बस एक अधिसूचना जारी करने की जरूरत है।
राजनीति के अपराधीकरण पर रोक लगाने के उद्देश्य से टीम अन्ना ने चुनाव आयोग से मांग की कि ऐसे उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाए जिनके खिलाफ अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं।
उन्होंने यह भी मांग की कि मतगणना के लिए ऐसी पद्धति (टरोटलाइजर) का इस्तेमाल किया जाए जिसमें किसी निर्वाचन क्षेत्र में हुए मतदान को पूरी तरह से मिला दिया जाए जिससे उम्मीदवार को यह पता नहीं चल सके कि किस इलाके के लोगों ने उसे वोट दिया या नहीं दिया।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 23, 2012, 17:51