Last Updated: Friday, June 21, 2013, 18:30
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने कहा कि उत्तराखंड में भयंकर बारिश और विनाशकारी बाढ से हुई तबाही में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है जबकि 50 हजार से अधिक लोग राज्य के विभिन्न हिस्सों में अभी भी फंसे हुए हैं।
शिन्दे ने यहां संवाददाताओं से कहा, कि अब तक 207 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं । लेकिन मृतकों की संख्या बढ सकती है क्योंकि कई इलाकों में मलबा अभी साफ किया जाना है । उत्तराखंड के हालात को लेकर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से 34 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है लेकिन 50 हजार लोग अभी भी फंसे हुए हैं । सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के हमारे प्रयास जारी हैं ।
दूसरी तरफ उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य में अभी दो दिन का वक्त और लग सकता है। यह बात भारत तिब्बत सीमा पुलिस के डीजी अजय चड्ढा ने कही है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि इस ऑपरेशन को लगभग दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
हरिद्वार में विभिन्न क्षेत्रों से गंगा नदी से अब तक 48 शव बरामद किए गए हैं। हरिद्वार के एसएसपी राजीव स्वरूप के मुताबिक शवों की पहचान कपड़े, जेवर और शरीर के विभिन्न चिह्नों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करा कर सुरक्षित रखी जा रही है।
उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही से प्रभावित लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए केन्द्र सरकार ने कहा कि राहत कार्य और तेज किये गये हैं जबकि बाढ में फंसे हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए और हेलीकाप्टर लगाये गये हैं । रेलवे ने सुरक्षित बचाये गये लोगों को उनके गंतव्यों तक मुफ्त पहुंचाने का फैसला किया है और इसके लिए विशेष ट्रेनें चला रही है ।
सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि 33192 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है । राज्य प्रशासन थलसेना, वायुसेना के हेलीकाप्टरों और निजी हेलीकाप्टरों की मदद से राज्य प्रशासन खोज, राहत और बचाव कार्य कर रहा है ।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा रेस्पांस बल के कर्मी, भारत तिब्बत सीमा पुलिस , सशस्त्र सीमा बल और सेना के जवान बचाव कार्य में राज्य सरकार की मदद कर रहे हैं । एनडीआरएफ ने अब तक 885 लोगों को और आईटीबीपी ने 3707 लोगों को सुरक्षित बचाया है । तिवारी ने बताया कि सेना और भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टरों ने 90 फेरे लगाये। एनडीआरएफ के कर्मियों ने 18 शव बरामद किये हैं ।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘आपरेशन राहत’ के लिए 13 और हेलीकाप्टर देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है । इस प्रकार वायुसेना के कुल 43 हेलीकाप्टर राहत और बचाव कार्य में लगेंगे । तिवारी ने बताया कि रेलवे हरिद्वार रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेनें चला रहा है । कल लखनउ, अंबाला और दिल्ली के लिए विशेष ट्रेनें रेलवे ने चलायी । बाढ में फंसे ऐसे यात्रियों को, जिन्हें अब सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है, रेलवे मुफ्त में उनके गंतव्य तक पहुंचाएगा ।
गृह मंत्रालय ने भारत सरकार से प्रदेश आपदा राहत कोष से 145 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है। केंद्रीय गृह मंत्री शनिवार को राज्य के दौरे पर जाएंगे।
तिवारी ने कहा कि चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में 739 मोबाइल टावर हैं और उनमें 207 काम नहीं कर रहे हैं। अगले 24 घंटों में उन्हें काम के लायक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह उभर कर सामने आया है कि बड़े पैमाने पर जल विद्युत एवं अन्य परियोजनाओं के कारण पर्यावरण को नुकसान हुआ और वनों की कटाई हुई जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई और राज्य के कई हिस्से इसकी चपेट में आए।
आपदा के कारणों के बारे में तिवारी ने बात करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि इस समय इस बात पर बहस करना उचित नहीं है कि आपदा मनुष्य जनित है या नहीं।
First Published: Friday, June 21, 2013, 17:52