Last Updated: Tuesday, October 18, 2011, 07:22
जी न्यूज ब्यूरो नागपुर : वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे केंद्र सरकार के लिए खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि बिहार को छोड़कर अन्य तीन राज्यों में जहां-जहां उपचुनाव हुए, उन सभी जगह कांग्रेस की सरकारें हैं और वे उपचुनाव हार गए।
देशव्यापी जन चेतना रथ यात्रा के आठवें दिन मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में आडवाणी ने कहा कि उपचुनाव के नतीजों से सरकार को सबक सीखना चाहिए। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। हिसार में तो कांग्रेस प्रत्याशी का जमानत तक जब्त हो गई। आडवाणी ने कहा कि यूपीए-2 सरकार का कार्यकाल काफी निराशाजनक रहा है। सरकार निर्णय लेने की क्षमता खो चुकी है।
येदियुरप्पा पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आडवाणी ने कहा कि हमें यह अच्छी तरह से मालूम है कि कोई भी पार्टी वर्त्तमान कांग्रेस पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का पूर्ण रूप से विश्वास हासिल नहीं कर सकती अगर उसका खुद का घर इस तरह की कमजोरियों से घिरा हो। कर्नाटक में हुई छोटी गलतियों से पार्टी को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को हमने चेताया था। हमने उन्हें उनकी कमजोरियों के बारे में बताया था।
काला धन और राजग सरकार के शासनकाल में इस दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में आडवाणी ने कहा कि उस समय कानून कठोर थे और स्विट्जरलैंड के बैंक कोई सूचना नहीं दे रहे थे। उन्होंने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट के बाद ही यूरोपीय देशों खासकर जर्मनी ने काला धन जमा करने वालों की सूची मांगी और आखिरकार इसे हासिल किया। आडवाणी ने कहा कि इस सूची में करीब 2000 लोगों के नाम शामिल थे जिसमें 500 जर्मनी के थे।
आडवाणी ने कहा, ‘जब मैंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस बारे में लिखा तो उन्होंने मुझसे वादा किया कि सरकार काले धन के मुद्दे पर गंभीरता से काम करेगी। मनमोहन सिंह ने संसद को भी आश्वस्त किया कि संप्रग सरकार सत्ता में आने के 100 दिन के भीतर काला धन वापस लाने का प्रयास करेगी। करीब 700 दिन बीत चुके हैं और संप्रग सरकार ने कुछ नहीं किया है।’
First Published: Tuesday, October 18, 2011, 21:22