उपराष्‍ट्रपति के पद पर दोबारा निर्वाचित हुए हामिद अंसारी

उपराष्‍ट्रपति के पद पर दोबारा निर्वाचित हुए हामिद अंसारी

उपराष्‍ट्रपति के पद पर दोबारा निर्वाचित हुए हामिद अंसारीज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : हामिद अंसारी लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। देश के चौदहवें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में संप्रग उम्मीदवार अंसारी ने राजग के प्रत्याशी जसवंत सिंह को 252 मतों से पराजित किया। जसवंत सिंह ने अपनी पराजय को ‘विनम्रता’ से स्वीकार करते हुए अंसारी को बधाई दी।

जीत के बाद अंसारी ने खुशी जताते हुए संवाददाताओं से कहा कि ‘आज के परिणाम से मुझे बहुत खुशी हुई है। इसके लिए मैं तमाम सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के तौर पर वह अच्छे से अच्छा काम करते रहेंगे। परिणाम की घोषणा के तत्काल बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अंसारी के आवास पर जाकर उन्हें बधाई दी।

एस. राधाकृष्णन के बाद अंसारी लगातार दूसरी बार उपराष्ट्रपति बनने वाले पहले व्यक्ति हैं। राधाकृष्णन 1952 से 1962 तक देश के उपराष्ट्रपति थे। उपराष्ट्रपति पद के लिए दूसरी बार चुनाव लड़ रहे 75 वर्षीय हामिद अंसारी को संप्रग के अलावा सपा, बसपा, माकपा और फारवर्ड ब्लाक का भी समर्थन हासिल था।

उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी और लोकसभा के महासचिव टीके विश्वनाथन ने मतगणना के बाद अंसारी के निर्वाचन की घोषणा की। उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 787 में से 736 सांसदों ने मतदान किया। इनमें से आठ मतों को रद्द कर दिया गया। उन्होंने बताया कि अंसारी को 490 मत मिले, जबकि जसवंत सिंह को 238 वोट मिले। अंसारी ने पिछले चुनाव में जहां 455 मत हासिल किये थे वहीं इस बार 35 मत अधिक प्राप्त किए।

अंसारी ने जीत के बाद कहा कि वह उपराष्ट्रपति के तौर पर देश की जनता के सभी वगोर्ं की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि संसदीय कार्यवाही में उन्हें सदस्यों का सहयोग मिलता रहेगा। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा के कुल 787 सदस्यों को मतदान करना था जिनमें से 51 सदस्यों ने मतदान नहीं किया। इनमें केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख भी शामिल हैं जो इलाज के लिए चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती हैं।

संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल के मुताबिक मतदान न करने वालों में बीजद के 21, तेदेपा के 11, कांग्रेस एवं सहयोगी दल के छह और दो मनोनीत सदस्य शामिल हैं। मतदान न न करने वाले अन्य सदस्यों में भाजपा, अगप, आरएसपी, टीआरएस के दो-दो सदस्यों के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के जगनमोहन रेड्डी शामिल हैं।

जिन भाजपा सदस्यों ने मतदान नहीं किया उनमें शत्रुघ्न सिन्हा और दिलीप सिंह जूदेव शामिल हैं। सिन्हा बीमार होने के कारण वोट नहीं कर सके जबकि जूदेव की मां अस्वस्थ हैं। उधर, संप्रग के सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की काकोली दस्तीदार और कबीर सुमन विदेश में होने के कारण मतदान नहीं कर सके। इसी तरह सपा के ब्रज भूषण शरण सिंह भी मतदान में हिस्सा नहीं ले सके। अंसारी के जीतने पर भाजपा की ओर से उसके मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने उन्हें बधाई दी। लोकसभा और राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों को मिलाकर कुल 790 सदस्य हैं। इनमें से प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने और विजय बहुगुणा के उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद इस्तीफे के कारण लोकसभा की दो सीट खाली हैं, जबकि भाजपा के एक सदस्य जे शांता के चुनाव को अदालत ने रद्द कर दिया है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद भवन में आज सुबह दस बजे मतदान शुरू हुआ। संसद भवन की पहली मंजिल पर मतदान करने पहुंचे क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर और फिल्म अभिऩेत्री रेखा आकर्षण का केंद्र रहे।

ये दोनों राज्यसभा के मनोनीत सदस्य हैं। हामिद अंसारी के मुकाबले चुनाव मैदान में उतरे भाजपा नेता जसवंत सिंह को राजग के सभी दलों का समर्थन हासिल था। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव में जदयू और शिवसेना ने संप्रग उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। इसके अलावा उन्हें अन्ना द्रमुक के 14 सांसदों का भी समर्थन प्राप्त था। बीजद, तेदेपा और आरएसपी अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार मतदान से अनुपस्थित रहे।

75 वर्षीय अंसारी ने अपने कैरियर की शुरूआत भारतीय विदेश सेवा के नौकरशाह के रूप में 1961 में की थी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी उन्होंने सेवाएं दीं। साल 2007 में अंसारी आश्चर्यजनक रूप से तब उपराष्ट्रपति चुने गए जब संप्रग-एक सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे वाममोर्चा ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और कांग्रेस नीत गठबंधन ने उसे स्वीकार कर लिया। तब वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष थे। उस चुनाव में उन्होंने भाजपा की नजमा हेपतुल्ला को पराजित किया था।

यूएनपीए के उम्मीदवार राशिद मसूद तीसरे स्थान पर रहे थे। अंसारी ने संयुक्त राष्ट्र, आस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग में भारत के प्रतिनिधि और संयुक्त अरब अमीरात, अफगानिस्तान, ईरान और सउदी अरब में भारत के राजदूत के तौर पर काम किया है। पद्मश्री से सम्मानित अंसारी मई 2000 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति बने और इस पद पर मार्च 2002 तक रहे।

First Published: Tuesday, August 7, 2012, 22:03

comments powered by Disqus