Last Updated: Wednesday, February 8, 2012, 06:30
नई दिल्ली : 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले के मामले में फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति एके गांगुली का मानना है कि न्यायपालिका राष्ट्र की ‘उपेक्षित शाखा’ है। न्यायमूर्ति ने कहा कि सरकार ‘धन की कमी’ को बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकती। गांगुली हाल ही में सेवानिवृत हुए हैं।
न्यायमूर्ति गांगुली ने एक खास बातचीत में कहा, ‘मुझे यह कहते हुए अफसोस है कि हमारे देश में न्यायपालिका राष्ट्र की तीनों शाखाओं में उपेक्षित शाखा है। न्यायपालिका के महत्व को कम नहीं आंका जा सकता। लेकिन न्यायपालिका के बजट आवंटन के बारे में सोचिए। यह एक प्रतिशत से भी कम है।’
न्यायिक ढांचों के सुधार के लिए विभिन्न सरकारों द्वारा किये गये वादों के पूरा नहीं होने पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि ‘धन की कमी और कुछ अन्य बहानों के आधार पर’ लोगों को न्याय देने से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह उनका मौलिक अधिकार है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 8, 2012, 16:55