Last Updated: Monday, January 7, 2013, 18:47

नई दिल्ली : मुंबई के 26/11 आतंकवादी हमले के अभियुक्त अजमल कसाब ने राष्ट्रपति को जो दया याचिका भेजी थी वह उर्दू में लिखी गयी थी और चार पंक्ति की थी। कसाब की दया याचिका खारिज हो गयी थी और उसे पिछले साल 21 नवंबर को फांसी दे दी गयी थी।
कसाब को फांसी दिए जाने के करीब एक महीने बाद इस हस्तलिखित याचिका को सार्वजनिक किया गया है। इसमें उर्दू भाषा की कई गलतियां साफ देखी जा सकती हैं।
यह आवेदन लखनऊ निवासी कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा को सूचना का अधिकार कानून के तहत दिया गया है।
कसाब ने अपने संक्षिप्त आवेदन में कहा,‘सर, मुझे फांसी की सजा सुप्रीम कोर्ट से हो गई है। फांसी की सजा से मुझे छोड़ दिया जाए। मेरे ऊपर दया करो और मुझे फांसी की से रिहा कर दें। आपका अजमल कसाब।’
जेल अधिकारियों ने इसका अनुवाद किया था और यह दया याचिका पांच नवंबर 2012 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेजी गई थी।
पाकिस्तानी नागरिक कसाब को 21 नवंबर 2012 को यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। कसाब सहित 10 आतंकवादी 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे थे। वह आतंकवादी हमला तीन दिनों तक चलता रहा था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। सुरक्षाकर्मियों ने नौ आतंकवादियों को मार गिराया था और सिर्फ कसाब ही जीवित पकड़ा गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 7, 2013, 18:47