Last Updated: Monday, February 13, 2012, 14:14
गुवाहाटी : पूर्व केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लै ने सोमवार को कहा कि शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) द्वारा बांग्लादेश में किया गया निवेश डूब गया, और उल्फा कमांडर परेश बरुआ अब संगठन की मजबूती के लिए अधिक धन उगाही की कोशिश में जुटा है।
पिल्लै ने कहा कि उल्फा का कमांडर इन चीफ अधिक धन जुटाने के लिए बहुत व्यग्र है ताकि वह इस प्रतिबंधित संगठन को चला सके, खासतौर से बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के आने के बाद। कमांडर इन चीफ के नेतृत्व में उल्फा का बांग्लादेश में किया गया निवेश डूब गया था और हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों के बाद संगठन का पूरा निवेश डूब गया।
पिल्लै ने 'सेंटर फॉर डेवलपमेंट एंड पीस स्टडीज' द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी से अलग संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि परेश बरुआ इस समय चीन के युआन प्रांत और म्यांमार के बीच भागा-भागा फिर रहा है। संगोष्ठी का शीर्षक था 'पूर्वोत्तर भारत में टिकाऊं शांति : बदलते पहलू'। पिल्लै ने कहा, हमने पिछले वर्ष चीन सरकार से इस मुद्दे पर बात की थी। हमारी सरकार ने उल्फा के कमांडर इन चीफ की युआन से म्यांमार की यात्रा के हवाई टिकट भी सौंपे थे। लेकिन चीन सरकार ने इन रिपोर्टों से इनकार कर दिया। पिल्लै ने कहा कि फिलहाल उल्फा द्वारा धन जुटाने के लिए की जा रही जबरन उगाही पर रोक लगाए जाने की कोशिश की जानी चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Monday, February 13, 2012, 20:44