Last Updated: Sunday, July 22, 2012, 21:10

नई दिल्ली : संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के दूसरे कार्यकाल में नंबर दो की हैसियत को लेकर चल रही रस्साकशी ने ए के एंटनी और मराठा क्षत्रप शरद पवार के राजनीतिक करियर को चर्चा में ला दिया है जिपमें ढेर सारी समानतायें हैं ।
राजनीति के इन दो मंझे हुये खिलाड़ियों ने राजनीतिक पटल पर लगभग एक समान प्रगति की है । दोनों ने ही आपातकाल के बाद के काल में कांग्रेस छोड़ दिया था और जीवन के तीसरे दशक के अंतिम वषरें में मुख्यमंत्री बने । दोनों ही नेताओं को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के लिये केंद्र से वापस भेजा गया ।
दोनों ही नेता तीन बार मुख्यमंत्री रहे। दोनों ने रक्षा और नागरिक आपूर्ति मंत्रालययों की जिम्मेदारी संभाली । राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिये प्रणव मुखर्जी के सरकार से इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल की एक बैठक में पवार के प्रधानमंत्री के बगल में बैठने से ऐसी अटकले लगने लगी थी कि 72 वर्षीय पवार को नंबर दो की हैसियत मिल गई है । (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 22, 2012, 21:10