Last Updated: Monday, October 31, 2011, 14:11

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाने को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का रुख गलत नहीं है, लेकिन साथ ही महसूस किया कि इस मुद्दे पर आगे और सलाह मशविरा करने की कांग्रेस की मांग भी जायज है।
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि राज्य कैबिनेट की समीक्षा बैठक के बाद अब्दुल्ला वापस आकर इस बारे में केंद्र से बात करेंगे । रक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पिछले साल सितंबर में राज्य के बारे में जो आठ सूत्री एजेंडा तय किया था, एएफएसपीए उसमें शामिल था।
चिदंबरम ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री एएफएसपीए की समीक्षा प्रक्रिया को तेज करना चाहते हैं तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं है और न ही कुछ गलत है। उन्होंने यहां अपने मंत्रालय की अक्टूबर महीने की रिपोर्ट पेश करते हुए संवाददाताओं से कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार की घटक कांग्रेस यदि इस मुद्दे पर और सलाह मशविरा चाहती है तो यह बात भी जायज है। कैबिनेट में भी और सलाह मशविरा हो सकता है। लोकतंत्र में जितनी बार भी चाहें, सलाह मशविरा किया जा सकता है।
चिदंबरम ने कहा कि समीक्षा की प्रक्रिया रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति का फैसला था और इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है। समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री केंद्र से बात करेंगे क्योंकि फैसला रक्षा मामलों की कैबिनेट समिति का था और मैं भी इस समिति का सदस्य हूं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में ऐलान किया है कि सरकार राज्य के कुछ हिस्सों से एएफएसपीए आंशिक रूप से हटाना चाहती है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सैफुददीन सोज ने शिकायत की है कि उमर ने उनकी पार्टी से इस सिलसिले में विचार विमर्श नहीं किया है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 31, 2011, 21:10