Last Updated: Monday, November 14, 2011, 03:57
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून हटाने के मुद्दे को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
उमर ने कहा है कि अलगाववादी नहीं चाहते हैं कि एएफएसपीए कानून को घाटी से हटाया जाए।
सूत्रों ने कहा कि अपने राज्य के सामान्य स्थिति वाले क्षेत्रों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाने की पैरवी कर रहे उमर ने प्रधानमंत्री के साथ करीब आधे घंटे चली बैठक के दौरान यही मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने राज्य की सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा की। इस बैठक के बाद उमर ने गृह मंत्री पी चिदंबरम से भी मुलाकात की।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने रविवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री ए के एंटनी और थलसेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह से भी मुलाकात कर राज्य के कुछ हिस्सों से एएफएसपीए जल्द हटाये जाने पर जोर दिया था। एंटनी के साथ बैठक के दौरान उमर ने कश्मीर और जम्मू के कम से कम दो-दो जिलों यानी कुल चार जिलों से एएफएसपीए हटाये जाने की बात रखी।
रक्षा मंत्री ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को इस तरह के किसी भी कदम का सेना द्वारा विरोध किये जाने की बात से अवगत कराया। इस पर उमर ने जोर दिया कि नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन द्वारा किये वादे को पूरा करने और वर्ष भर शांति बनाये रखने का राज्य की जनता को ईनाम देने की जरूरत है।
उमर ने कहा कि राज्य में पर्यटन उद्योग में उछाल आया है और इस वर्ष अक्तूबर तक प्रदेश में करीब 13 लाख पर्यटक आ चुके हैं। सेना ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कुछ हिस्सों से एएफएसपीए को हटाने के किसी भी कदम के बारे में अपनी आपत्ति जाहिर कर दी है।
एंटनी के साथ बैठक के बाद उमर ने रविवार को ट्वीट किया था, ‘हां, मैंने हाल ही में रक्षा मंत्री के साथ बैठक की। नहीं, मैं फिलहाल मीडिया से बातचीत करने का इरादा नहीं रखता।’
अब्दुल्ला एएफएसपीए के मुद्दे पर वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ भी बैठक करेंगे। जम्मू कश्मीर सरकार एएफएसपीए को हटाये जाने पर जोर दे रही है और उसने सुझाव दिया है कि जम्मू, साम्बा, श्रीनगर और बडगाम से यह कानून हटाया जा सकता है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 15:22