Last Updated: Sunday, November 13, 2011, 17:42

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से अपनी मुलाकात से पहले रविवार को रक्षा मंत्री एके एंटनी और सेना प्रमुख वीके सिंह से मुलाकात की।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, उमर ने एंटनी से मुलाकात के दौरान एएफएसपीए को कम से कम चार जिलों से हटाने पर अपने पक्ष को पेश किया। सूत्रों ने बताया कि एंटनी ने जब ऐसे किसी भी कदम पर सेना द्वारा ऐतराज किए जाने की बात कही तो उमर ने नेशनल कांफ्रेंस -कांग्रेस गठजोड़ के किए वादों को पूरा करने और साल को शांतिपूर्ण रखने के लिए लोगों को पुरस्कृत करने पर जोर दिया।
उमर ने रेखांकित किया कि इस साल अक्टूबर तक करीब 13 लाख सैलानियों ने प्रदेश की यात्रा की और पर्यटन उद्योग फलफूल रहा है। मुख्यमंत्री का इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और गृह मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात निर्धारित है। रक्षा मंत्री और उमर ने इस बैठक के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।
उमर ने ट्विटर पर लिखा, हां, मैंने अभी रक्षा मंत्री से भेंट की है लेकिन मैं इस बारे में मीडिया से अभी बात नहीं करना चाहता। उमर ने इससे पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी मुलाकात की।
उधर माकपा ने जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) हटाने के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का यह कहते हुए समर्थन किया कि इस कठोर कानून को रद्द करके इसके स्थान पर सेना के लिए उपयुक्त कानून लागू किया जाना चाहिए।
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने एक प्रश्न के जवाब में संवाददाताओं से कहा, एएफएसपीए को जम्मू कश्मीर के उन क्षेत्रों से हटा लेना चाहिए जहां आतंकवादी गतिविधियां रुक गई हैं और जहां सेना अब तैनात नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, November 14, 2011, 09:47