Last Updated: Thursday, November 17, 2011, 13:11
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) को हटाने की उमर अब्दुल्ला की मांग का समर्थन करते हुए केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री राज्य का मुखिया होता है और केंद्र को विवादास्पद कानून पर उसकी राय लेनी चाहिए।
नवीकरणीय एवं अक्षय उर्जा मंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में सुरक्षा हालात में सुधार हुआ है और अधिनियम को निश्चित तौर पर वहां के कुछ इलाकों से हटाया जाना चाहिए।
मुद्दे पर उनकी राय पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि समय आ गया है जब राज्य में सुधार हो रहा है तो ऐसे में एएफएसपीए को कुछ इलाकों से जाना चाहिए क्योंकि लोग महसूस करते हैं कि बातें सामान्य हो रही हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते मैं मुखिया हूं। मैं सभी एजेंसियों से सूचना पाता हूं। आज अगर मुख्यमंत्री महसूस करता है कि हालात बेहतर हैं और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों में भी सुधार हो रहा है तो मेरा मानना है कि हमें साहस के साथ उनकी भी राय लेनी चाहिए। उमर राज्य के कुछ हिस्सों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इस कदम का सेना विरोध कर रही है। उसका कहना है कि यह उसके वहां अभियान चलाने की क्षमता को प्रभावित करेगा।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, November 17, 2011, 18:41