Last Updated: Monday, July 29, 2013, 11:56

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) फिर से शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को रद्द किया जाए और उच्चतम न्यायालय के स्नातक एवं परास्नातक मेडिकल एवं दंतचिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा खारिज करने के आदेश का पालन किया जाए।
शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए जयललिता ने कहा कि इस फैसले ने उस नीति से संबंधित विवाद को खत्म दिया जिससे स्नातक एवं परास्नातक स्तरों पर मेडिकल और डेंटल सीटों के महत्वाकांक्षी छात्रों को अनिश्चित चयन प्रक्रिया के ‘कष्ट’ से गुजरना पड़ा जो उनके तथा तमिलनाडु के हितों के खिलाफ है।
उन्होंने सिंह को लिखे पत्र में कहा कि बहुमत वाले फैसले में तमिलनाडु द्वारा जताई गई सभी वैध आपत्तियों और अन्य याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सही ठहराया गया है। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का काफी स्वागत किया गया है।
हालांकि इस फैसले का पालन करने की जगह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने एक बयान जारी करके संकेत दिए कि केंद्र इस फैसले की समीक्षा के लिए शीर्ष अदालत से गुहार लगा सकता है। उन्होंने कहा कि इसने एक बार फिर तमिलनाडु के हजारों छात्रों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी है। इन छात्रों को ध्यान में रखकर तमिलनाडु सरकार ने स्पष्ट और पारदर्शी प्रवेश नीति बनाई है जो अच्छा काम कर रही है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 29, 2013, 11:56