एनजीटी ने देशभर में बालू के खनन पर रोक लगाई

एनजीटी ने देशभर में बालू के खनन पर रोक लगाई

एनजीटी ने देशभर में बालू के खनन पर रोक लगाईनई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में रेत माफिया पर कार्रवाई करने वाली आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को लेकर उठे विवाद के बीच राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने देशभर में नदियों के पास से बिना पर्यावरण संबंधी मंजूरी के बालू के खनन या रेत निकालने पर आज पाबंदी लगा दी।

न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि अवैध रेत खनन से सरकारी खजाने को लाखों करोड़ों रपये का नुकसान हो सकता है। एनजीटी ने उस याचिका पर यह आदेश दिया जिसमें आरोप है कि उत्तर प्रदेश में सरकारी मशीनरी के साथ मिलीभगत करते हुए इस तरह की गतिविधियां चल रहीं हैं।

एनजीटी के प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका का दायरा व्यापक करते हुए कहा कि उसका आदेश पूरे देश में लागू होगा क्योंकि याचिका पर्यावरण के गंभीर मुद्दे को उठाती है। शुरुआत में पीठ ने यमुना, गंगा, हिंडन, चंबल, गोमती और अन्य नदियों की तलहटी और किनारों से बालू के अवैध खनन पर रोक लगाई लेकिन बाद में अपने आदेश को बदलते हुए कहा कि अवैध तरीके से रेत निकालने का मुद्दा देशव्यापी है।

पीठ ने कहा कि इसके लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय (एमओईएफ) से या राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण :एसईआईएए: से मंजूरी प्राप्त करनी होगी। पीठ ने सभी प्रतिवादियों को 14 अगस्त तक जवाब देने के लिए नोटिस जारी करते हुए कहा कि हम किसी भी व्यक्ति, कंपनी, प्राधिकरण द्वारा एमओईएफ या एसईआईएए से पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त किये बिना और सक्षम प्राधिकारों से लाइसेंस हासिल किये बिना देश में कहीं भी नदियों के पास से रेत निकालने या कोई खनन गतिविधि चलाने पर रोक लगाते हैं।

न्यायाधिकरण ने सभी खनन अधिकारियों और सभी राज्यों के संबंधित पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण बार संघ की याचिका पर दिये गये उसके आदेश का पालन सुनिश्चित किया जाए। याचिका में आरोप है कि उत्तर प्रदेश में निलंबित एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल जैसे क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों समेत जिन लोगों ने भी इस तरह के रेत खनन का विरोध किया है उन्हें शिकार होना पड़ा है। ऐसा अनेक खबरों से स्पष्ट है।

वरिष्ठ वकील राज पंजवानी और उनकी सहायता कर रहे वकील रित्विक दत्ता ने संघ की ओर से दलील दी कि हर साल लाखों टन बालू का अवैध खनन होता है और इससे राजकोष को लाखों करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 6, 2013, 00:30

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