Last Updated: Friday, April 12, 2013, 23:54
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नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करने के विचार पर गहरे एतराज के संकेत के बीच भाजपा का सहयोगी दल जदयू शनिवार से शुरू हो रही दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में राजग के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर जोर दे सकती है।
जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शरद यादव को पार्टी का लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बनाए जाने की औपचारिक रूप से घोषणा की जाएगी। जदयू के संविधान में पांच मार्च को संशोधन किया गया था जिसके जरिए शरद के तीसरी बार अध्यक्ष बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ। शरद यादव 2006 में जार्ज फर्नाडिस के स्थान पर पार्टी के अध्यक्ष बनाए गए थे।
नरेंद्र मोदी के नाम पर जदयू की नापसंदगी जाहिर है और पार्टी की ओर से राजग गठबंधन के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की जल्द घोषणा करने की मांग किए जाने की संभावना है। पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले धर्मनिरपेक्षता पर अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहरा सकता है। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में पारित किये जाने वाले राष्ट्रीय प्रस्ताव को लेकर पार्टी के नेता चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि पार्टी इस शीर्ष पद के राजग के उम्मीदवार के रूप में मोदी को पेश किए जाने का कड़ा विरोध करेगी।
जद यू के नेता एवं राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी ने कहा कि यह पार्टी का पुराना रूख रहा है कि राजग के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष छवि के किसी व्यक्ति को बनाया जाना चाहिए। एक ऐसा नेता जो सभी को स्वीकार्य हो और सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता हो। अनवर ने कहा कि इस बात की घोषणा चुनाव से पहले होनी चाहिए कि राजग के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा। बिहार से कांग्रेस के नेता शकील अहमद ने हालांकि जद यू की धर्मनिरपेक्षता की बात का माखौल उड़ाते हुए कहा कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष नेता की तलाश करता है और नरेन्द्र मोदी को नहीं और लाल कृष्ण आडवाणी को हाँ कहता है तब इसका कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
उन्होंने कहा कि मोदी एक बीमारी (सम्प्रदायिकता) का लक्षण है, जिसे अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी ने फैलाया है। जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना से जुड़े सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए कल कहा था कि हमने पहले भी कभी धर्मनिरपेक्षता पर समझौता नहीं किया था और अब भी हम नहीं कर रहे हैं। उनसे सवाल किया गया था कि क्या जदयू की बैठक में राजग के अगले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की धर्मनिरपेक्षता साख पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
यह पूछने पर कि भाजपा की ओर से मोदी को बढ़ाचढ़ा कर पेश करने के मुद्दे पर क्या बैठक में विचार विमर्श किया जा सकता है, यादव ने कहा था कि किसी मुद्दे पर रोक नहीं है। हर चीज पर विचार विमर्श हो सकता है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 12, 2013, 23:54