एनसीटीसी के संशोधित प्रारूप में भी खामियां: नीतीश

एनसीटीसी के संशोधित प्रारूप में भी खामियां: नीतीश

एनसीटीसी के संशोधित प्रारूप में भी खामियां: नीतीश नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के संशोधित प्रारूप में भी गंभीर खामियां हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र यदि एनसीटीसी जैसी संस्था बनाना चाहता है तो उसे संसद में कानून पारित कर ऐसा करना चाहिए।

नीतीश ने यहां आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सवाल उठाया कि सर्वप्रथम एनसीटीसी के अंदर अभियान डिवीजन बनाने एवं अभियान चलाने के लिए इसे शक्ति प्रदान करने की क्या आवश्यकता है जबकि ऐसे अभियान राज्य पुलिस के माध्यम से या राज्य पुलिस की सहायता से चलाए जाने हैं।

उन्होंने कहा कि इससे अभियान चलाने में समस्या होगी क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन अभियानों में दोनों संगठनों में से किसकी अग्रणी और निर्णायक भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि एनसीटीसी के संशोधित प्रारूप में अभी भी राज्यों के सिविल अधिकारियों को कागजात और सूचनाएं प्रदान करने के बाध्यकारी प्रावधान बरकरार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पहले से ही इस तरह के कृत्यों के निर्वहन के लिए कार्यरत है। फिर भी एनसीटीसी का गठन प्रस्तावित है। इससे बेहतर विकल्प एनआईए को ही मजबूत और विकसित करने में है न कि दूसरा संगठन बनाने में।

नीतीश ने कहा कि फिर भी केन्द्र यदि चाहता है कि एनसीटीसी जैसी संस्था बने तो इसे संसद द्वारा कानून पारित करके बनाया जाना चाहिए ताकि व्यापक बहस के माध्यम से बेहतर राय प्राप्त हो सके। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, June 5, 2013, 14:30

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