‘एनसीटीसी संघीय ढांचे पर हमला नहीं’ - Zee News हिंदी

‘एनसीटीसी संघीय ढांचे पर हमला नहीं’



नई दिल्ली : राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र (एनसीटीसी) की स्थापना पर कुछ राज्यों की आपत्ति के बीच गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि एनसीटीसी पूरी तरह जरूरी है और यह संघीय ढांचे पर हमला नहीं है। चिदंबरम ने कहा कि कुछ राज्य एनसीटीसी के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं लेकिन वे इसके गठन का समर्थन करते हैं। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने एनसीटीसी के मौजूदा प्रारूप पर चिंता जताई। चिदंबरम ने बीपी महतो और उषा वर्मा के प्रश्न के उत्तर में कहा कि मेरा मानना है कि एनसीटीसी पूरी तरह जरूरी है और मेरा स्पष्ट विचार है कि यह संघीय ढांचे का हनन नहीं करता।

 

एनसीटीसी की स्थापना पर राज्यों की आपत्ति के सिलसिले में मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में गठित मंत्रिसमूह और द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों पर विचार करने और दो साल तक मंथन करने के बाद एनसीटीसी की स्थापना का फैसला किया। चिदंबरम ने कहा कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी के लिए अधिसूचना जारी करने पर विरोध दर्ज कराया है और इस संबंध में 16 अप्रैल को एक बैठक होगी।

 

यह बैठक पहले ही होनी थी लेकिन राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण टल गई। उन्होंने कहा कि हम कोई भी कदम राज्यों की सहमति के बाद ही उठाएंगे और इस विषय पर विचार-विमर्श करते रहेंगे। कल इस संबंध में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों की बैठक में भी करीब 10 राज्यों ने एनसीटीसी के गठन पर विरोध दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना राज्यों की सहमति के एकतरफा फैसला किया है जो राज्यों के अधिकारों के हनन की तरह है।

 

चिदंबरम ने कहा कि कल की बैठक में कुछ राज्यों ने एनसीटीसी के गठन पर समर्थन जताया और जिन राज्यों ने विरोध दर्ज कराया है वे भी इसके गठन के सिद्धांत पर सहमत हैं। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आज एक अंग्रेजी दैनिक की खबर का हवाला देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह सचिव ने कल की बैठक में राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों से कहा कि आप ‘मुख्यमंत्रियों के स्टेनोग्राफर’ की तरह काम नहीं करें। उन्होंने कहा कि गृह सचिव का यह बयान आग में घी डालने जैसा है और इस बयान पर क्या सरकार गृह सचिव पर कोई कार्रवाई करेगी। चिदंबरम ने खबर को खारिज करते हुए कहा कि यह खबर केवल एक अखबार में आई है और ‘मैंने आज सुबह गृह सचिव को बुलाकर उनसे इस बारे में पूछा लेकिन उन्होंने इस तरह की किसी टिप्पणी से स्पष्ट इनकार किया है।

 

उधर, एनसीटीसी पर राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर तृणमूल कांग्रेस संशोधन लाएगी। संप्रग के सहयोगी दलों तृणमूल कांग्रेस के अलावा नेशनल कांफ्रेंस ने भी एनसीटीसी पर विरोध दर्ज कराया है। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने सदन में कहा कि केंद्र राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण का प्रयास कर रही है और लोकपाल तथा लोकायुक्त विधेयक के मामले में भी ऐसा ही देखा गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना (एनसीटीसी) को तत्‍काल वापस लेना चाहिए।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, March 13, 2012, 19:23

comments powered by Disqus