Last Updated: Friday, November 23, 2012, 13:06

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पर दबाव बनाया कि वह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) पर चर्चा के लिए उनकी ओर से दिए गए नोटिस पर अनुमति दे दें।
वहीं, बीजेपी ने शुक्रवार को सदन में नियम 184 के तहत नोटिस दिया है। यह नोटिस एफडीआई पर बहस और वोटिंग को लेकर है। लोकसभा में आज भी एफडीआई के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। हंगामा थमते न देख सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मीरा ने पार्टियों से कहा कि उनके नोटिस नियम 184 के तहत आते हैं और इसके अंतर्गत वोटिंग होती है इसलिए उन पर विचार किया जा रहा है।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि बहु-ब्रांड खुदरा में एफडीआई पर बहस की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि सरकार ने इस मुद्दे पर पार्टियों से चर्चा करने का आश्वासन पूरा नहीं किया। माकपा ने नारेबाजी की और इस मुद्दे पर बहस व वोटिंग की मांग की। विपक्ष के सरकार के साथ मतभेदों के चलते लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई।
गौर हो कि खुदरा एफडीआई के सवाल पर विपक्ष में सहमति नही बन पाने के कारण सरकार के लिए स्थिति सहज हो गई है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव लाने के कदम के विफल होने के साथ ही शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामें की भेंट चढ गया। तृणमूल कांग्रेस के सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के विफल प्रयास के बीच मुख्य विपक्षी दल भाजपा और वाम दल मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अड गये हैं, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं है। सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा ने खुदरा एफडीआई का विरोध किया, लेकिन विपक्ष का साथ देने से इंकार किया। वहीं एक अन्य समर्थक दल बसपा ने अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं।
First Published: Friday, November 23, 2012, 10:21