एफडीआई: SC का वालमार्ट शीघ्र सुनवाई से इंकार

एफडीआई: SC का वालमार्ट शीघ्र सुनवाई से इंकार

एफडीआई: SC का वालमार्ट शीघ्र सुनवाई से इंकारनई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वह अमेरिकी सीनेट में वालमार्ट द्वारा दाखिल रिपोर्ट की प्रतियां पेश करने का भारत सरकार को निर्देश देने के लिए दायर अर्जी पर शीघ्र सुनवाई नहीं कर सकता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वालमार्ट ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के जरिये भारत के खुदरा बाजार में प्रवेश के लिये अपने हितों की पैरवी हेतु वहां के सांसदों के बीच लाबिंग की।

प्रधान न्यायाधीश अलतमस कबीर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘‘यह ऐसा मामला नहीं है जिसे अभी प्राथमिकता दी जाए। हम इसमें कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। आप अर्जी लगा सकते हैं।’’ न्यायालय ने यह टिप्पणी उस समय की जब याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपनी अर्जी का उल्लेख करते हुए इस पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया। खुदरा कारोबार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सरकार के निर्णय को न्यायालय में चुनौती देने वाली मनोहर लाल शर्मा का कहना था कि वाशिंगटन से मीडिया की खबरों के अनुसार वालमार्ट ने अमेरिकी सीनेट को जानकारी दी है कि उसने 2008 से भारत में खुदरा बाजार में पहुंच बढाने सहित अपने विभिन्न कार्यों की पैरवरी के लिए 2.5 करोड़ डालर यानी 125 करोड़ रुपए खर्च किए।

याचिकाकर्ता का तर्क था कि भारत में इस तरह की लाबिंग की कानूनी तौर पर छूट नहीं है इसलिए अमेरिकी सीनेट में पेश दस्तावेजों की इस न्यायालय को जांच करनी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने पांच नवंबर को सरकार की खुदरा बाजार के कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति में हस्तक्षेप से इंकार करते हुये कहा था कि यदि यह नीति संसद में नहीं टिक सकी तो उसका नतीजा सरकार भुगतेगी।

संसद के दोनों सदनों ने पिछले सप्ताह ही बहु ब्रांड खुदरा व्यापार के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया। वकील शर्मा की यह याचिका 22 जनवरी को सुनवाई के लिये सू़चीबद्ध है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 11, 2012, 20:30

comments powered by Disqus