Last Updated: Friday, August 5, 2011, 04:43

वित्तीय संकट से जूझ रही सरकारी विमानन कम्पनी एयर इंडिया को 1,732 करोड़ रुपये जारी करने के प्रस्ताव को सरकार ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. एयर इंडिया को कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में भी कठिनाई हो रही है.
यह फैसला प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया. सिंह ने बुधवार को संसद को आश्वासन दिया था कि विमानन कम्पनी को वित्तीय संकट से उबारने के लिए जल्द कदम उठाया जाएगा, ताकि वह कर्मचारियों के बकाए वेतन का भुगतान कर सके.
एक अधिकारी ने बताया कि कुल राशि में 1,200 करोड़ रुपये विमानन कम्पनी में सरकार का निवेश होगा, जबकि 532 करोड़ रुपये विमानन कम्पनी द्वारा दी गई वीवीआईपी और इवैक्यूएशन सेवा (संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना) के किराए के भुगतान के मद में होगा.
बाकी 532 करोड़ रुपये का भुगतान विमान कम्पनी द्वारा दी गई वीवीआईपी यात्री सेवा और अन्य सेवाओं के एवज में किया गया है.
सीसीईए के फैसले से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह ने विमानन कम्पनी की वीवीआईपी सेवा के किराए की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. समूह का गठन विमानन कम्पनी के पुनरुद्धार के लिए सुझाव देने के लिए किया गया था.
विमानन कम्पनी पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जो उसने विमानों की खरीददारी तथा संचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए थे.
First Published: Friday, August 5, 2011, 16:54