Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 15:25
ज़ी मीडिया ब्यूरो नई दिल्ली : भारत के समक्ष चीन की ओर खड़ी की जा रही मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। जिक्र योग्य है कि पिछले कुछ माह में चीनी सेना की ओर से भारतीय सीमा में घुसपैठ की कई घटनाएं सामने आई हैं।
जमीनी हकीकत पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडो-चाइना (भारत-चीन) सीमा पर चीनी सेना के दस्ते वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सीमा क्षेत्र में भारतीय सैनिकों गश्त नहीं लगाने दे रहे हैं।
जिक्र योग्य है कि भारत और चीन के बीच कई स्थानों पर सीमा रेखा चिन्हित नहीं है और इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के तौर पर माना जाता है, जोकि वास्तविक स्थिति से अलग है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस आशय की एक रिपोर्ट पिछले माह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी गई थी, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के चेयरपर्सन श्याम शरण भी थे। इसके बाद इस रिपोर्ट को सुरक्षा मामलों से संबंधित समिति से भी साझा किया गया था।
पूर्वी लद्दाख के भारतीय सीमा में अधिकांशत: भारतीय सैनिकों को गश्त लगाने से रोका गया। इस आशय की रिपोर्ट मंगलवार को एक अग्रणी अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री ने अगस्त के पहले सप्ताह में सरण को पूर्वी लद्दाख और सियाचिन सेक्टर का दौरा करने का निर्देश दिया। ताकि इस क्षेत्र में बुनियादी विकास और सुरक्षा हालात की समीक्षा की जा सके। हालात के मूल्यांकन के अनुसार, चीनी सेना का रुख सबसे ज्यादा दौलत बेग ओल्डी सेक्टर, देसपांग बल्ज और चुमार में आक्रामक रहा।
इस गंभीर होते हालात के मद्देनजर सरकार ने एलएसी पर तनाव और स्थितियों की समीक्षा के लिए एक अंतर मंत्रालयी पैनल का गठन किया। इसके अलावा, संबंधित अधिकारियों को भी निर्देश गया दिया कि लद्दाख में बुनियादी विकास और संरचनाओं के विकास तेज करने को लेकर सभी बाधाओं को जल्द दूर करें।
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 15:25