Last Updated: Friday, November 30, 2012, 12:35
नई दिल्ली : सब्सिडी युक्त एलपीजी सिलेंडरों की संख्या प्रति वर्ष और प्रति परिवार छह तक सीमित किए जाने के सरकार के फैसले का शुक्रवार को विपक्ष ने लोकसभा में कड़ा विरोध किया, जिसके बाद सरकार ने संकेत दिए कि सांसदों और जनता की मांग पर इस फैसले पर विचार किया जा रहा है।
सदन में प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एलपीजी कोटा समाप्त किए जाने की पुरजोर मांग करते हुए कहा कि सरकार ने महंगाई बढ़ाकर एक तो वैसे ही सभी उपभोक्ता वस्तुओं में आग लगा दी है और अब उपर से खाने पकाने के काम आने वाली गैस को ही बुझा दिया है।
तृणमूल कांग्रेस सदस्य भी एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सालाना 24 किए जाने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे। जद-यू सदस्य भी आसन के समक्ष आए लेकिन पार्टी नेता शरद यादव उन्हें समझाबुझाकर वापस ले गए। उधर, भाजपा सदस्य एलपीजी कोटे को ही समाप्त किए जाने की मांग को लेकर अपने स्थान से नारेबाजी करने लगे।
सुषमा के सवाल के जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि इस मुद्दे पर बड़ी संख्या में सांसदों और आम जनता की ओर से प्रतिवेदन मिले हैं तथा सरकार गंभीरता से इस संबंध में विचार विमर्श कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वयं उन्होंने इस मसले पर वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री से बात की है।
उन्होंने हालांकि कहा कि एलपीजी सिलेंडरों पर एक लाख 60 हजार करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जा रही है और तेल विपणन कंपनियां घाटे के चलते संकट में हैं। उन्होंने कहा कि छह सिलेंडरों की राशनिंग के बाद भी तेल विपणन कंपनियों को 36 हजार करोड़ रूपये का बोझ उठाना पड़ रहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 30, 2012, 12:35