Last Updated: Wednesday, February 15, 2012, 11:21

नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एस्सार टेलीहोल्डिंग्स लिमिटेड और लूप टेलीकॉम लिमिटेड की एक याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और गैर सरकारी संगठन, सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन को नोटिस जारी किया। याचिका में सवाल किया गया है कि जब दोनों कम्पनियों को भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत आरोपित ही नहीं किया गया है तो सीबीआई की विशेष अदालत किस अधिकार से उनके खिलाफ सुनवाई कर सकती है।
न्यायमूर्ति जीएस गांगुली की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने हालांकि दोनों कम्पनियों की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें विशेष सीबीआई अदालत में उनके खिलाफ सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
जब वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने कहा कि न्यायाधीश ओपी सैनी की विशेष सीबीआई अदालत के पास उनके मुवक्किलों के खिलाफ संज्ञान लेने का कोई अधिकार नहीं है, तब न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई की जाएगी और यदि यह पाया गया कि विशेष अदालत के पास अधिकार नहीं है तो उनके खिलाफ सुनवाई रद्द कर दी जाएगी। न्यायालय ने दो सप्ताह में नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 15, 2012, 16:51