Last Updated: Tuesday, July 30, 2013, 23:39

नई दिल्ली : पृथक तेलंगाना पर फैसले की पृष्ठभूमि में कई छोटे-छोटे राज्यों के गठन की मांग के बीच कांग्रेस ने मंगलवार को ऐसी किसी भी संभावना से कमोबेश इंकार कर दिया।
आंध्र प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि देश के कई हिस्सों से अलग राज्य बनाने की मांग उठ रही है, इस पर उन्होंने कहा, ‘प्रदर्शनों के आधार पर ही राज्य नहीं बना दिए जाते। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का अध्ययन करना होता है।’
गौरतलब है कि अलग गोरखालैंड, बुंदेलखंड, पूर्वांचल और हरित प्रदेश के गठन की मांगें उठने लगी हैं। दिग्विजय ने इन बातों को खारिज किया कि राजनीतिक मजबूरी की वजह से तेलंगाना पर फैसला किया गया।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि तेलंगाना के मुद्दे की तुलना और राज्यों से नहीं की जा सकती क्योंकि पहले राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों में इसका संदर्भ था जो आज भी प्रासंगिक है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों में विदर्भ का भी संदर्भ था। संविधान के अनुच्छेद 371 (डी), जिसके तहत विशेष दर्जा दिया जाता है, के बाबत दिग्विजय ने कहा कि तेलंगाना के गठन के बाद कैबिनेट इसकी प्रासंगिकता पर विचार करेगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 30, 2013, 23:39