Last Updated: Saturday, September 7, 2013, 15:30
नई दिल्ली : विपक्ष ने आज राज्यसभा में कानून मंत्री कपिल सिब्बल को माफी मांगने के लिए बाध्य करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने उच्च सदन को गुमराह कर एक संविधान संशोधन विधेयक को उच्च सदन में अत्यावश्यक बता कर जल्दबाजी में पारित करा लिया लेकिन लोकसभा में उसे पारित नहीं किया जा सका। इस मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक शुरू होने के बाद दो बार स्थगित हुई।
विधेयक को स्थायी समिति के पास न भेजने के लिए सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सदस्यों ने आरोप लगाया कि उसने ‘गृह कार्य’ (होम वर्क) नहीं किया और जल्दबाजी में विधेयक उच्च सदन में पेश कर दिया।
सिब्बल ने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि मैं माफी चाहता हूं कि हमारे तमाम प्रयासों के बावजूद, विधेयक लोकसभा में पारित नहीं किया जा सका। कानून मंत्री के इतना कहने के बाद सदन में कामकाज सामान्य तरीके से होने लगा।
इससे पहले सिब्बल ने खेद जाहिर करते हुए कहा था, मुझे अत्यंत खेद है कि संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित नहीं हो पाया। राज्यसभा में विधेयक जब पारित हुआ तो उसके शीषर्क में 99वां संविधान संशोधन विधेयक की बजाय 120वां संविधान संशोधन विधेयक लिखा था। इस तकनीकी खामी के ध्यान में आने पर इसे लोकसभा में पारित नहीं किया गया।
बहरहाल, भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने कहा गृह कार्य नहीं किया गया। इसे राज्यसभा में जल्दबाजी में पारित कराने के लिए हमें गुमराह किया गया। मंत्री ने भूल की और इसके लिए उन्हें सदन से माफी मांगनी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 7, 2013, 15:30