Last Updated: Monday, September 3, 2012, 14:28

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में निजी कंपनियों द्वारा लौह अयस्क खनन कार्यों पर से आंशिक तौर पर प्रतिबंध हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बेल्लारी, चित्रदुर्गा और टुमकुर जिले में `ए` श्रेणी के खानों में लौह अयस्क खनन पर प्रतिबंध हटाया है।
जस्टिस आफताब आलम की अगुवाई वाली शीर्ष कोर्ट की फोरेस्ट बेंच ने कहा कि `ए` श्रेणी के 18 माइंस में यह बैन हटाया गया है जोकि आवश्यक क्लियरेंस पर निर्भर करेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि ढांचागत क्लियरेंस में खनन विभाग, पर्यावरण अनुमति, राज्य प्रदूषण विभाग की अनुमति शामिल है। इसके अलावा खनन लीज मालिकों से एक अंडरटेकिंग भी जरूरी है, जिसमें पुनर्वास आदि कार्यों को लेकर समयबद्ध तरीके से अपनाई जाने वाली योजना शामिल है। इस बात की वचनबद्धता लिया जाना भी शामिल है कि वे इस्तेमाल के बाद खाली छोड़ी गई खानों का निर्धारित समय के भीतर संरक्षण करेंगे और उन्हें उपयोगी बनाएंगे।
इन खानों में खनन कार्य तभी शुरू हो सकते हैं जब खान मालिकों की ओर से संरचनात्मक मंजूरी की प्रतिबद्धता को लेकर निगरानी समिति संतुष्ट हो।
खनन कार्य तभी शुरू होगा जब मानिटरिंग कमेटी खनन मालिकों को मिले क्लियरेंस से संतुष्ट होगी। `ए ` श्रेणी खान वह हैं, जो किसी तरह की अवैधता से मुक्त हैं और जहां खनन कार्यों में कोई अनियमितता नहीं बरती गई है।
First Published: Monday, September 3, 2012, 13:29