Last Updated: Tuesday, May 1, 2012, 04:39
नई दिल्ली : नए राष्ट्रपति के लिए अधिकतम आम सहमति की वकालत कर रही माकपा ने कहा है कि अगर कांग्रेस राष्ट्रपति चुनाव के लिए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जैसे किसी उम्मीदवार के नाम के साथ आती है तो शायद उसे उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में कोई दिक्कत नहीं हो। माकपा महासचिव प्रकाश करात ने आज यहां कहा कि वाम दल कुछ पार्टियों के साथ अनौपचारिक चर्चा कर रहे हैं और राष्ट्रपति के प्रत्याशी के नाम पर आम सहमति बनाने का समर्थन कर रही है।
वाम दल राष्ट्रपति चुनाव पर आपस में चर्चा शुक्रवार को शुरू करेंगे। वाम दल इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि वे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम का समर्थन नहीं करेंगे। वाम दलों ने कलाम की उम्मीदवारी का पहले भी विरोध किया था। बैठक की पुष्टि करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि चार दलों की आगामी चार मई को बैठक होगी और इस मामले पर शुरुआती चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका होगा जब इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए हम मिलेंगे। वामदल कलाम के नाम का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनके नाम को भाजपा ने पेश किया है। साल 2002 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में वाम दलों ने कलाम के खिलाफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी की सदस्य कैप्टन लक्ष्मी सहगल को मैदान में उतारा था।
वास्तव में संप्रग-1 के कार्यकाल में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अंसारी ही वाम दलों की पसंद थे। उस दौरान संप्रग सरकार बाहर से उनके समर्थन पर निर्भर थी। उस समय अंसारी उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 2, 2012, 00:10