Last Updated: Friday, June 28, 2013, 18:13

श्रीनगर : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला करार देते हुए कहा कि तमाम मुद्दों के हल के लिए देश के अंदर तंत्र मौजूद है और बाहरी ताकतों को उनमें दखलअंदाजी करने की कोई जरूरत नहीं है।
खुर्शीद ने कहा, ‘किसी बाहरी को हम पर उंगलियां उठाने की कोई जरूरत नहीं है कि हमें क्या करना है या हमने थोड़ी गलती की। यह परिवार के अंदर का मामला है।
विदेशमंत्री ने यहां कांग्रेस प्रदेश इकाई के मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे घर में परिवार के अंदर हमारी बहस और झगड़ा-झंझट हो सकता है। लेकिन यह एक आंतरिक मामला है और हमारे पास चर्चा एवं वार्ता का तंत्र मौजूद है जिसके माध्यम से हम तमाम मुद्दे आराम से हल कर सकते हैं और हम ऐसा करेंगे।’
खुर्शीद ने कहा कि जहां तक आम अवाम की आकांक्षाओं का मामला है, केन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से अवगत है।
उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी जिम्मेदारियां पूरी तरह मालूम हैं। हम जानते हैं कि हमें अपने अवाम, हमारे भाइयों और बहनों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं, उनके सपनों का कैसे सम्मान करना चाहिए।
विदेश मंत्री ने कहा कि विश्वास बहाली के लिए दोनों देशों द्वारा कुछ उपायों के कार्यान्वयन की जरूरत है जिससे माहौल में और सुधार हो सके। खुर्शीद ने कहा कि विश्वास बहाली के लिए भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा जैसे उपाय हैं जिसके बारे में उन्होंने पहले ही फैसला किया है लेकिन उन्होंने अभी तक इसका कार्यान्वयन नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि नई वीजा व्यवस्था की हमने पहले ही घोषणा की है जिसे लागू किया जाना है। इससे अधिक संख्या में लोग सीमा पार कर आ जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि हम एक बार में एक कदम आगे बढ़ सकते हैं।
खुर्शीद ने कहा कि पाकिस्तान के साथ समग्र बातचीत में अच्छी प्रगति हुयी और यह कामयाब रही लेकिन कुछ ‘ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं’ से प्रगति को झटका लगा।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ बातचीत में काफी प्रगति हुयी और यह कामयाब थी। हम लोगों ने जो समग्र बातचीत शुरू की थी, उसमें अच्छी प्रगति हुयी थी। दुर्भाग्यवश कुछ घटनाएं हुयीं जिससे हमारे प्रयासों को झटका लगा और मजबूरीवश प्रगति ठहर गयी।’
खुर्शीद ने कहा कि भारत के साथ संबंधों के बारे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा अपने चुनाव प्रचार में दिए गए बयानों पर सरकार ने सकारात्मक तरीके से गौर किया है। उन्होंने पदभार संभालने के बाद उन बयानों को दोहराया है।
विदेश मंत्री ने कहा कि वहां लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चुनाव संपन्न हुए और प्रधानमंत्री शरीफ ने अपने चुनाव प्रचार में इस बारे में बयान और संकेत दिया। इसके बाद कार्यभार संभालने पर उन्हें दोहराया। हमने उन्हें सकारात्मक तरीके से लिया है और उसके अनुरूप प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमेरिका के अगले साल तक अफगानिस्तान से वापस हो जाने के नतीजों पर खुर्शीद ने कहा कि वाशिंगटन ने हमें आश्वस्त किया है कि तालिबान के साथ वार्ता इस उद्देश्य के लिए निर्धारित दायरे में ही होगी।
उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी विदेश मंत्री जान कैरी यहां थे, तो उन्होंने हमसे कहा था कि जहां तक हमारी चिंताओं का सवाल है, ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे हमारे हितों को नुकसान हो। कैरी ने कहा कि बातचीत के लिए दायरा निर्धारित कर दिया गया है और हम इससे सहमत हैं। निर्धारित दायरे के अनुसार बातचीत के लिए आगे आने वाले तालिबान को संविधान का सम्मान करना होगा, वे अपने हथियार त्याग देंगे और अगर उनका अल कायदा से कोई संबंध है तो उसे समाप्त कर देंगे।
खुर्शीद ने कहा कि तालिबान के साथ बातचीत के मुद्दे पर सरकार ने अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और अमेरिका के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में सऊदी अरब और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों से भी बातचीत की है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘अभी कोई नहीं जानता कि (अमेरिका और तालिबान के बीच’ वार्ता सफल होगी। यहां तक कि अमेरिका ने भी विश्वास नहीं जताया है कि यह वार्ता आगे बढ़ेगी। यह एक प्रयास है।’
उन्होंने कहा कि कतर में तालिबान कार्यालय के उद्घाटन के दौरान कुछ बातें हुयीं जिसे कुछ लोगों ने पसंद नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘हमें कहा गया है कि उन बातों में सुधार कर लिया गया है।’ (एजेंसी)
First Published: Friday, June 28, 2013, 18:13