‘कसाब का जुर्म माफी के लायक नहीं’

‘कसाब का जुर्म माफी के लायक नहीं’


नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में आतंकी हमले में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब की मौत की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि कसाब का जुर्म माफी के लायक नहीं है। न्यायालय ने कसाब की अपील खारिज करने के साथ ही इस आतंकी वारदात में सबूतों के अभाव में दो अन्य अभियुक्तों को बरी करने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील भी खारिज कर दी। न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि कसाब ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश में शामिल होने का अपराध किया है।

न्यायाधीशों ने कहा कि मुंबई पर आतंकी हमले के तथ्यों, साक्ष्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर मोहम्मद अजमल कसाब को मौत की सजा देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। न्यायाधीशों ने कसाब की इस दलील को ठुकरा दिया कि उसके मुकदमे की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई। न्यायालय ने कसाब के इकबालिया बयान के बारे में कहा कि यह स्वेच्छा से दिया था। निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान वह इससे मुकर गया था।

मुकदमे की सुनवाई के दौरान उसे वकील मुहैया नहीं कराने के कसाब की दलील अस्वीकार करते हुए न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान इस बारे में बार बार आग्रह किया था लेकिन उसने हर बार इसे ठुकरा दिया था। शीर्ष अदालत ने उच्चतम न्यायालय में कसाब का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी वरिष्ठ अधिवक्ता राजू रामचंद्रन को सौंपी थी। राजू रामचंद्रन ने न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त किया। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, August 29, 2012, 12:21

comments powered by Disqus