‘कांग्रेस को वास्तविक मुद्दों का अपहरण न करने दें’

‘कांग्रेस को वास्तविक मुद्दों का अपहरण न करने दें’

‘कांग्रेस को वास्तविक मुद्दों का अपहरण न करने दें’ नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने धर्मनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी की ओर से छेड़ी गई बहस पर असहमति सी जताते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा करने से चुनाव में कांग्रेस को जवाबदेह बनाने वाले आर्थिक बदहाली और भ्रष्टाचार जैसे वास्तविक मुद्दे भटक जाएंगे।

उन्होंने हालांकि, कहा कि वह भाजपा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और गुजरात के मुख्यमंत्री को यह सलाह नहीं दे रहे हैं कि चुनाव प्रचार कैसे किया जाना चाहिए।

मोदी की ‘पपी’ और ‘बुर्का’ जैसी विवादास्पद टिप्पण्यिों के बीच सिन्हा ने सोमवार को कहा कि बहस वास्तविक मुद्दों से भटक गई है।

सिन्हा ने कहा, आगामी चुनावों के लिए बहस आर्थिक स्थिति और आम आदमी को पेश आ रही समस्याओं पर होनी चाहिए जिनके लिए ‘कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है’, न कि साम्प्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता पर।

भाजपा नेता ने कहा, ‘हमें बहस को वापस वर्तमान विषयों पर ले आना चाहिए जो मूलत: आर्थिक मुद्दे हैं। गरीबी का मुद्दा, रोटी का मुद्दा और बेरोजगारी का मुद्दा। ये वो मुद्दे हैं जिनसे लोग परेशान हैं। यह साम्प्रदायिकता या धर्मनिरपेक्षता नहीं है। अत: हमें बहस को इन मुद्दों पर लौटाना चाहिए।’

अपने लेख में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बहस को उसकी शर्तों पर जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। आर्थिक संकट, मंहगाई, कुशासन और भ्रष्टाचार को उन्होंने बहस के वास्तविक मुद्दे बताया।

सिन्हा के अनुसार, ‘मोदी-विरोधियों की खेल योजना स्पष्ट है। जितना वह बोलेंगे, उनसे उतना विवाद पैदा होगा। इससे चुनाव पूर्व की बहस विकृत हो जाएगी और इस सरकार के कुशासन एवं भ्रष्टाचार की बजाय बहस इस बात पर केन्द्रित हो जाएगी कि गुजरात में पिछले 11 साल में क्या हुआ। हमें बहस को पूर्व से वर्तमान में लौटाना है।’

सिन्हा ने एक अखबार में में छपे अपने लेख में देश की राजनीति में धर्मनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता विभाजन को सब विभाजनों में सबसे मिथ्या बताते हुए कहा, ‘प्रचंड जातिवादी धर्मनिरपेक्षता का मुखौटा पहन का स्वांग रच रहे हैं। लोगों के लिए वास्तविक मुद्दे रोटी, प्याज और नमक है। वास्तविक मुद्दा भ्रष्टाचार है जो इस सरकार के कदम-कदम पर है। कांग्रेस को बहस का एजेंडा बदलने और उसे अपनी शर्तों पर घुमाने की अनुमति देना बहुत बड़ी भूल होगी।’

इस लेख की यह व्याख्या की जा रही है कि सिन्हा मोदी को यह सलाह दे रहे हैं कि वह कांग्रेस के ‘जाल’ में नहीं फंसें।

साम्प्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता बहस को एकदम ‘व्यर्थ एवं निर्थक’ बताते हुए उन्होंने कहा कि पूरे राजनीतिक वर्ग को इसमें नहीं फंसना चाहिए, क्योंकि इससे किसी को लाभ नहीं होगा। इसकी बजाय जनता को पेश आ रही समस्याओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर उन्होंने आरोप लगाया कि वह देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर रही है। देश की अर्थव्यवस्था इतनी खराब हालत में आ गई है कि देश गंभीर संकट में है, लेकिन कांग्रेस बहस को व्यर्थ के मुद्दों की ओर मोड़ कर उसे भाजपा के विरूद्ध इस्तेमाल कर रही है। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 15, 2013, 20:04

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