Last Updated: Monday, November 19, 2012, 18:53
नई दिल्ली: कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संसद के इतिहास में 19 सदस्यों वाली किसी भी पार्टी ने इस तरह का कदम कभी नहीं उठाया है।
पार्टी ने बनर्जी से अपने फैसले पर गंभीरता से पुनर्विचार करने को कहा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि यह देश के संसदीय इतिहास में विचित्र स्थिति है कि 19 सदस्यों वाली पार्टी अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रही है।
मंत्री ने कहा कि बनर्जी अपने प्रस्ताव के लिए उन विपक्षी पार्टियों से भी समर्थन मांग रही हैं जिनसे वह पिछले 30 साल सेलड़ती रही हैं। संप्रग सरकार पर मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति देने और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमला करते हुए ममता ने गत 17 नवंबर को कहा था कि उनकी पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र में संप्रग के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।
ममता ने अपने अविश्वास प्रस्ताव पर संप्रग के घटक दलों के साथ-साथ वाम दलों से भी समर्थन मांगा था और यहां तक कि भाजपा से भी बातचीत करने की इच्छा जताई थी। कांग्रेस नेता ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के पास अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, पंजाब और जम्मू कश्मीर की राह में अड़ंगा डालने का अधिकार है। उन राज्यों ने खुदरा कारोबार में एफडीआई को लागू करने का फैसला किया है।
तिवारी ने कहा कि हम कह रहे हैं कि अगर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अपने राज्य में खुदरा कारोबार में एफडीआई की अनुमति नहीं देना चाहती हैं तो वह ऐसा करने को स्वतंत्र हैं। लेकिन अगर जम्मू कश्मीर, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य इसे लागू करना चाहते हैं तो उनकी तरफ से इसपर रोक लगाना क्या उचित है। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 18:53