Last Updated: Tuesday, January 15, 2013, 18:11

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत की सीबीआई जांच के लिये लेकर दायर याचिका पर केंद्र और पुलिस को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। दिल्ली में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के खिलाफ रैली के दौरान कथित रूप से चोट लगने से तोमर की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति जी पी मित्तल ने अधिवक्ता जी के बंसल की याचिका पर सुनवाई करते हुये कहा, ‘गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया जाये। इसका जवाब सात दिन के अंदर दिया जाये।’
बंसल ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि तोमर के मौत के कारणों के बारे में दिल्ली के पुलिस आयुक्त नीरज कुमार, प्रत्यक्षदर्शी और चिकित्सा विशेषज्ञ के परस्पर विरोधी बयानों के मद्देनजर अलग इस घटना की सीबीआई से जांच करायी जाये।
इस बीच, अदालत ने कांस्टेबल की मौत के सिलसिले में आरोपी बनाये गये आठ युवकों द्वारा इस्तेमाल मोबाइल के कॉल और उनके स्थान का विवरण सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
अदालत ने इन आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिये अलग से दायर याचिका पर यह निर्देश दिया है। आरोपियों ने दलील दी है कि पुलिस ने बिना किसी सबूत के ही उन्हें झूठे आरोप में फंसाया है।
अदालत ने आरोपियों के वकील को मोबाइल सेवा प्रदाताओं के नाम मुहैया कराने का निर्देश दिया है ताकि आरोपियों के 23 दिसंबर की सुबह से लेकर आधी रात तक का सारा रिकार्ड सुरक्षित रखने का आदेश उन्हें दिया जा सके।
अदालत ने आरोपियों के वकील को डीएमआरसी की वीडियो फुटेज की प्रति उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया। यह फुटेज दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पास है जो इस मामले की जांच कर रही है ।
आरोपियों के वकील ने कहा,‘हमें भय है कि पुलिस वीडियो फुटेज को तोड़ मरोड़कर पेश कर सकती है।’ इस बीच अदालत ने कहा कि वह 29 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई के दौरान याचिका पर विचार करेगी ।’
दिल्ली पुलिस के सिपाही 47 वर्षीय तोमल को 23 दिसंबर को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल किया गया था जहां दो दिन बाद उसकी मृत्यु हो गयी थी।
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हुये कहा कि उसकी ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा को बहस करनी थी लेकिन वह आज उपलब्ध नहीं हैं । अदालत ने दिल्ली पुलिस का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया। पूर्व के दिशा निर्देशों के मुताबिक पुलिस ने एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर घटनाओं का विवरण और मामले में अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी दी।
इससे पहले चार जनवरी को उच्च न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था और पुलिस से आठ आरोपियों के बारे में एक स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। इन आठों आरोपियों को निचली अदालत ने गत 24 दिसंबर को जमानत दे दी थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, January 15, 2013, 16:17