Last Updated: Tuesday, April 2, 2013, 16:32

ठाणे : भारतीय प्रेस परिषद् के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने ‘धरतीपुत्र’ सिद्धांत को नकारते हुए कहा है कि जो लोग इस तरह के सिद्धांत को बढ़ावा देते हैं उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए ।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कुछ नेताओं के भूमिपुत्र का सिद्धांत क्या है? क्या वे सोचते हैं कि वे इस जमीन के मूल निवासी हैं ? यहां तक कि मराठी भी बाहर के हैं । केवल मराठियों के भूमिपुत्र होने का उनका सिद्धांत पूरी तरह राष्ट्र विरोधी है और स्पष्ट रूप से संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है ।
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि जो लोग इस तरह के सिद्धांतों को बढ़ावा देते हैं उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के अलावा हममें से कोई भी इस जमीन का मूल निवासी नहीं है । इन लोगों ने सबसे पहले मुंबई में दक्षिण भारतीयों को निशाना बनाया और फिर उन्होंने बिहारियों और अन्य उत्तर भारतीय लोगों पर हमले किए । संविधान हर किसी को देश के किसी भी कोने में रहने का अधिकार देता है । संविधान का इस तरह उल्लंघन करने वालों को समाज से निकाल बाहर किया जाना चाहिए । वह रविवार की रात भिवंडी में ‘अनेकता में एकता’ पर व्याख्यान दे रहे थे । पीसीआई प्रमुख ने भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के एकीकरण का आह्वान किया ।
काटजू ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब ये तीनों देश एक राष्ट्र के रूप में पहले की तरह धर्मनिरपेक्ष सरकार के नेतृत्व में एकसाथ होंगे । उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान को एक फर्जी राष्ट्र मानते हैं जिसका गठन अंग्रेजों ने भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को बांटने के लिए किया था । (एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 2, 2013, 16:32