Last Updated: Saturday, January 14, 2012, 15:06
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि न्यायपालिका न तो कानून बना सकता है और न ही सरकार और विधायिका को कोई कानून बनाने का निर्देश दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय ध्वज के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानून बनाने को लेकर दायर की गई एक याचिका को खारिज करते हुए यह कहा। याचिका में न्यायालय से कहा गया था कि अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के नेतृत्व वाले आंदोलन में कथित तौर पर राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग देखा गया।
न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की एक पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अदालत की इसमें बहुत सीमित भूमिका और कार्य है। न तो अदालत कानून बना सकती है, न ही यह योग्यता रखती है कि वह विधायिका को किसी तरीके से कोई कानून बनाने के लिए निर्देश दे। पीठ ने योग गुरु रामदेव को अपने फायदे के लिए राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल करने को लेकर 10 करोड़ रुपये अदा करने का निर्देश देने से भी इनकार कर दिया क्योंकि इसी तरह की एक याचिका निचली अदालत में लंबित है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, January 14, 2012, 22:37