Last Updated: Monday, October 8, 2012, 10:31

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट कावेरी नदी से तमिलनाडु को नौ हजार क्यूसेक जल देने के शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के आदेश पर रोक के लिए राज्य सरकार की अर्जी पर सोमवार को विचार करेगा।
उधर, कावेरी नदी बेसिन इलाके में तमिलनाडु को पानी छोड़े जाने पर तीव्र विरोध लगातार जारी रहा और कर्नाटक ने उम्मीद जताई है कि 28 सितंबर के फैसले के पुनर्विचार को लेकर उसकी याचिका पर आज होने वाले फैसले में ‘सकारात्मक प्रतिक्रिया’ मिलेगी।
न्याऔययमूर्ति डीके जैन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कर्नाटक की नई अर्जी सोमवार को उल्लेख होने वाले मामलों की सूची में शामिल करने का निर्देश दिया। न्यायालय के आदेश पर रोक के लिए दायर इस अर्जी पर राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस एस जावली ने न्यायालय से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था।
कर्नाटक सरकार की दलील है कि वह कावेरी नदी में जल के गिरते स्तर के कारण उसके लिए इस न्यायिक आदेश पर अमल करना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा करने से उसके यहां सिंचाई और पेयजल की जरूरतों पर प्रतिकूल असर पड़ने लगेगा। न्यायालय ने 28 सितंबर को कावेरी नदी से रोजाना नौ हजार क्यूसेक जल छोड़ने का निर्देश देते हुए कावेरी नदी प्राधिकरण की बैठक के बाद दिए गए निर्देश पर अमल नहीं करने के कारण कर्नाटक सरकार को आड़े हाथ लिया था।
न्यायाधीशों ने चेतावनी दी थी कि यदि इस आदेश पर अमल करने में राज्य सरकार विफल रही तो फिर न्यायालय को ही इस बारे में उचित आदेश देना पड़ेगा। न्यायालय ने इसके बाद विपत्ति की स्थिति में जल बंटवारे के फार्मूले के तहत तमिलनाडु को 20 सितंबर से 15 अक्टूीबर तक नौ हजार क्यूसेक पानी देने का निर्देश कर्नाटक सरकार को दिया था। न्यायालय ने इस संबंध में राज्य सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब भी मांगा था। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 8, 2012, 10:14