कावेरी पर कर्नाटक के नेताओं की अपील पीएम ने ठुकराई

कावेरी पर कर्नाटक के नेताओं की अपील पीएम ने ठुकराई

कावेरी पर कर्नाटक के नेताओं की अपील पीएम ने ठुकराईनई दिल्ली : तमिलनाडु को 20 अक्तूबर तक रोज कावेरी नदी का 9000 क्यूसेक पानी देने के कावेरी नदी प्राधिकरण के फैसले पर पुनर्विचार से इनकार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कर्नाटक के कांग्रेस और भाजपा नेताओं इस आशय के अनुरोध को खारिज कर दिया।

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा, श्रम मंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे और रेल राज्य मंत्री के एच मुनियप्पा ने प्रधानमंत्री से यहां मुलाकात की और उन्हें बताया कि राज्य में हालात गंभीर हैं। वहीं राज्य से 16 भाजपा सांसदों ने पार्टी नेता एम वेंकैया नायडू के नेतृत्व में अलग से प्रधानमंत्री से मुलाकात की और कावेरी नदी प्राधिकरण (सीआरए) के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।

दोनों ही मुलाकातों में मौजूद रहे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यहां संवाददाताओं से कहा, दोनों समूहों ने रोक की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि कावेरी नदी प्राधिकरण में इसके आदेश को बदलने की कोई प्रणाली नहीं है। यह प्रधानमंत्री का नहीं बल्कि सीआरए का फैसला है। इस तरह की किसी चीज के लिए सीआरए को फिर से बैठना होगा। बंसल ने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा कि केंद्र दोनों राज्यों के हितों को ध्यान में रखते हुए काम करेगा। सीआरए के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं और इसमें जल संसाधन मंत्री बंसल के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल के मुख्यमंत्री शामिल हैं।

कावेरी नदी प्राधिकरण ने हाल में कर्नाटक को 20 सितम्बर से 15 अक्तूबर के बीच तमिलनाडु को रोजाना नौ हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था । कावेरी निगरानी समिति (सीएमसी) की बैठक यहां 11 अक्तूबर को होगी जिसमें 15 अक्तूबर के बाद कर्नाटक द्वारा पानी छोड़े जाने के बारे में फैसला किया जाएगा। समिति में केंद्रीय जल संसाधन सचिव और उक्त चारों राज्यों के मुख्य सचिव शामिल हैं।

बंसल ने कहा, सीएमसी राज्यों से परामर्श करके इस विषय पर फैसला करेगी। अगर ऐसा नहीं कर पाती तो इस विषय को फिर से सीआरए को भेजा जा सकता है। इस तरह के हालात में सीआरए की बैठक फिर बुलाई जा सकती है। बंसल ने 15 अक्तूबर से पहले प्राधिकरण की बैठक बुलाये जाने की संभावना के सवाल पर कहा कि कोई तारीख तय नहीं की गयी है।

उन्होंने कहा, तमिलनाडु में उत्तर-पूर्व मॉनसून के शुरू होने के बाद अगर हालात में व्यापक बदलाव हुआ तो मामला वहीं समाप्त हो सकता है। बंसल ने कहा कि कर्नाटक से अलग अलग दिनों में 4000 क्यूसेक से 13000 क्यूसेक तक पानी छोड़े जाने के आधार पर तमिलनाडु को 20 सितंबर से पांच अक्तूबर के बीच 1.21 लाख क्यूसेक पानी मिला है। बंसल ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले नेताओं को इस संबंध में आंकड़े दिये। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्य जलाशयों में उपलब्ध 65 टीएमसी पानी के अलावा नहरों में अतिरिक्त 60 टीएमसी पानी है।

मंत्री ने कहा कि दक्षिण.पश्चिम मॉनसून जा चुका है वहीं तमिलनाडु में जल्दी उत्तर-पूर्व मॉनसून के आने से बारिश होगी। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि कर्नाटक को रोज तमिलनाडु के लिए 9000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश देने वाला उसका आदेश सीआरए के समक्ष दाखिल समीक्षा याचिका पर प्रधानमंत्री द्वारा फैसला लेने में अड़चन नहीं बनेगा।

सीआरए के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु और कर्नाटक दोनों उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं। तमिलनाडु ने जहां अधिक पानी की मांग की है वहीं कर्नाटक ने दावा किया है कि वह पड़ोसी राज्य के लिए कावेरी नदी से और अधिक पानी छोड़ने की स्थिति में नहीं है।

इस बीच कर्नाटक के राज्यपाल एच आर भारद्वाज ने आज कर्नाटक और तमिलनाडु से आग्रह किया कि तथ्यों को देखते हुए कावेरी जल विवाद को निपटाने में एक दूसरे की मदद करें। उन्होंने कहा कि इस समय में आंदोलनकारी रुख अपनाने से काम नहीं चलेगा क्योंकि अदालतें दबाव में काम नहीं करतीं।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद आज खड़गे ने संवाददाताओं को बताया, हमने उनसे इस समस्या के जल्द से जल्द समाधान का अनुरोध किया, हालात बहुत भयावह हैं। इसलिए हमने प्रधानमंत्री से परिस्थिति का समाधान निकालने के लिए कहा। भाजपा सांसदों की प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद वरिष्ठ नेता अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा, हम पिछले 20 दिन से 21 टीएमसी फुट पानी छोड़ रहे हैं। इसलिए हमने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि उन्हें फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। इससे पहले आज दिन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने प्रदेश के नेताओं की कावेरी नदी प्राधिकरण के फैसले की समीक्षा की मांग के बीच केंद्रीय मंत्री एस एम कृष्णा से मुलाकात की। (एजेंसी)

First Published: Monday, October 8, 2012, 22:09

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