किराये में वृद्धि का प्रस्ताव जायज: त्रिवेदी - Zee News हिंदी

किराये में वृद्धि का प्रस्ताव जायज: त्रिवेदी



नई दिल्ली :  संसद में रेल बजट पेश किए जाने के कुछ ही मिनट बाद अपनी ही पार्टी की ओर से यात्री किराये में वृद्धि को लेकर जताए गए असंतोष के बीच रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने किराये में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को जायज ठहराया। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि रेलवे में तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी का हस्तक्षेप है और रेलवे राइटर्स बिल्डिंग से संचालित होता है। यात्री किराये में वृद्धि को जायज ठहराते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे में सुविधाओं, सुरक्षा, सफाई का पुख्ता प्रबंध करने के लिए यह कदम आवश्यक था। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि रेल यात्री किराए में प्रस्तावित वृद्धि का मामूली असर होगा।

 

उन्‍होंने कहा कि थोड़ा किराया बढ़ाने से लोगों को परेशानी नहीं होगी। जो देश के और रेलवे के हक में था मैंने वही किया। मालभाड़ा बढ़ाने और यात्री किराया न बढ़ाने से संतुलन बिगड़ता है। देश के साथ यदि रहना बगावत है तो फिर यह बगावत ही सही। एक हद तक ही मालभाड़ा बढ़ाया जा सकता है। रेल बजट गोपनीय होता है, इसलिए ममता से कोई बात नहीं हुई। न ही इस्‍तीफे के संबंध में कोई बात हुई।

 

रेल बजट पेश करने के बाद त्रिवेदी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेलवे में सुविधाओं, सुरक्षा, सफाई आदि के लिए संसाधन जुटाना जरूरी हैं और हमने बढ़ोतरी को जायज समझते हुए ही यह प्रस्ताव किया है। उन्‍होंने कहा कि ममता हमारी सर्वोच्च नेता है लेकिन उनका कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। अपनी ही पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय द्वारा रेल किराये में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को वापस लेने की मांग पर मंत्री ने कहा कि राजनीतिक दलों की अपनी विचारधारा होती है।
बंदोपाध्याय की किराया बढ़ोतरी वापस लेने की मांग के बारे में पूछने पर त्रिवेदी ने इतना ही कहा कि कोई टिप्पणी नहीं करुंगा। गौरतलब है कि रेल बजट पेश होने के कुछ ही मिनट बाद केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की यह नीति रही है कि आम आदमी के हितों को संरक्षण प्रदान किया जाए। रेल बजट में रेल किराये में वृद्धि की गई है। तृणमूल कांग्रेस इसका समर्थन नहीं करती है।

 

इस रेल बजट से तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी की भी नाराजगी संबंधी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि वह हमारी पार्टी की नेता हैं और सर्वोपरि हैं। वह किसी फैसले से राजनीतिक तौर पर नाराज हो सकती हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या रेल बजट बनाने में पूर्व रेल मंत्री ममता से सलाह ली गई, त्रिवेदी ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि ममता बनर्जी को इस बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं थी। रेलवे में उनका हस्तक्षेप कतई नहीं है। रेल मंत्री के तौर पर मैं ही रेलवे के फैसले लेता हूं। त्रिवेदी ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए जो मुझे ठीक लगता है, वह किया है और वही करुंगा। उन्होंने रेलवे दुर्घटनाओं का भी हवाला देते हुए कहा कि जब इस तरह के हादसे होते हैं तब लोग सवाल करते हैं कि ‘रेल भाड़े क्यों नहीं बढ़ाये जाते।’ रेल मंत्री ने यह दलील भी दी कि उन्होंने किराये में बढ़ोतरी को जरूरत के आधार पर न्यूनतम रखा है और यह अब भी सड़क यातायात से सस्ता परिवहन साधन है।

 

त्रिवेदी ने रेल मंत्री बतौर अपने कामकाज के संदर्भ में कहा कि रेलवे के सामने कई चुनौतियां है लेकिन यात्रियों को सेवा प्रदान करने के आगे ये चुनौतियां छोटी हैं। रेलवे सुरक्षा को अभी भी कमजोर पहलू मानते हुए रेल मंत्री ने आज कहा कि भारतीय रेल को यूरोप और जापान जैसी विश्व की आधुनिक रेल प्रणालियों जैसी संरक्षा की कसौटी पर खरा उतरना होगा, जहां उच्च रफ्तार वाले मार्गों पर रेल दुर्घटनाओं में दशकों से कोई मौत नहीं हुई है।

 

लोकसभा में 2012-13 का रेल बजट पेश करते हुए त्रिवेदी ने ‘जान है तो जहान है’ का फार्मूला पेश किया और कहा कि मैं वर्तमान संरक्षा मानकों से कतई संतुष्ट नहीं हूं। फिर भी मैं इस माननीय सदन को बताना चाहता हूं कि संपूर्ण रेल परिवार इससे चिन्तित है और इसमें सुधार करने के लिए संगठित प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि रेल दुर्घटनाओं में कोई जान नहीं जाए। इस संदर्भ में त्रिवेदी ने कहा कि मेरा मानना है कि भारतीय रेल पर संरक्षा का मानदंड विश्व की अन्य आधुनिक रेल प्रणालियों के समान होनी चाहिए, चाहे यूरोप हो या जापान। इन रेल प्रणालियों में संरक्षा का स्तर बहुत सराहनीय रहा है और उच्च रफ्तार वाले मार्गों पर दशकों से रेल दुर्घटना में कोई मौत नहीं हुई है।

(ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 14, 2012, 19:17

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