Last Updated: Sunday, June 23, 2013, 10:13
नई दिल्ली : एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट भारत और पाकिस्तान के बीच किशनगंगा विद्युत परियोजना संबंधी विवाद पर अपना अंतिम फैसला देने के लिए तैयार है। दोनों देशों द्वारा पनबिजली संबंधी आंकड़े सौंपे जाने के बाद पंचाट को यह फैसला करने में मदद मिलेगी कि भारत द्वारा नदी में जल का कितना न्यूनतम प्रवाह बनाए रखना होगा।
हेग में फरवरी के महीने में अंतरराष्ट्रीय पंचाट ने विद्युत संयंत्र के लिए पानी के कटाव के भारत के अधिकार को सही ठहराया था लेकिन साथ ही कहा था कि भारत को पाकिस्तान के कृषि हितों के संरक्षण के लिए जल का एक न्यूनतम स्तर बनाए रखना होगा।
पाकिस्तान का दावा है कि जम्मू कश्मीर में 330 मैगावाट विद्युत परियोजना से नदी के जल में उसके 15 फीसदी हिस्से का नुकसान होगा। पाक ने भारत पर पाकिस्तान की नीलम झेलम पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचाने के मकसद से नदी का प्रवाह बदलने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया था। 17 मई 2010 को पाकिस्तान 1960 की सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पंचाट में चला गया था।
सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान दोनों ने न्यायाधीश स्टीफन एम श्वेबेल द्वारा मांगे गए आंकड़े सौंप दिए हैं। दोनों देशों को 19 जून तक अपने आंकड़े सौंपने थे लेकिन पाकिस्तान ने और दो दिन का समय मांगा और भारत को भी दो दिन की ओर मोहलत दे दी गयी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 23, 2013, 10:13