`किसान कर्ज माफी में अनियमितता होने पर कड़ी कार्रवाई`

`किसान कर्ज माफी में अनियमितता होने पर कड़ी कार्रवाई`

`किसान कर्ज माफी में अनियमितता होने पर कड़ी कार्रवाई`नई दिल्‍ली : किसानों की ऋण माफी योजना में कथित अनियमितताओं को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार पर निशाना साधे जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चूककर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने का आज संसद में आश्वासन दिया।

प्रधानमंत्री ने यह आश्वासन राज्यसभा में उस समय दिया जब भाजपा ने किसानों की ऋण माफी योजना संबंधी कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि यह घोटाला है। विपक्षी सदस्यों के हंगामे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऋण माफी योजना पर कैग रिपोर्ट का जिक्र किया गया है। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत यह मामला लोक लेखा समिति को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कोई अनियमितता हुयी है, जैसा बताया गया है, तो वह सदन को आश्वस्त करते हैं कि हम चूककर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।

प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के पूर्व भाजपा के रवि शंकर प्रसाद ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्य आसन के समीप आ गए और उपसभापति पीजे कुरियन ने कार्यवाही 12 बजकर करीब 12 मिनट पर 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके पूर्व प्रसाद ने कहा कि कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि लाखों ऐसे किसानों को इस योजना का लाभ मिला जो इसके हकदार नहीं थे वहीं लाखों किसान पात्र होने के बावजूद इसके लाभ से वंचित रह गए।

उन्‍होंने कहा कि यह स्पष्ट घोटाला का मामला है। इसमें बैंकों के अधिकारियों ने बिचौलियों के साथ मिलकर किसानों के पैसे की गड़बड़ी की। प्रसाद ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस योजना में घोटाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि विदर्भ सहित कई स्थानों पर किसान कर्ज के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी विदर्भ गए थे। प्रसाद ने कहा कि किसानों की कीमत पर असली फायदा माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को हो रहा है। उन्होंने रिजर्व बैंक के एक परिपत्र का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों से कहा गया है कि वे दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को बताना चाहिए कि रिजर्व बैंक के निर्देश पर क्या कार्रवाई की गई।

प्रसाद ने प्रधानमंत्री के आश्वासन का जिक्र करते हुए कहा कि बैंकों के खिलाफ रिजर्व बैंक के निर्देशों के संबंध में भी उन्हें जल्द से जल्द बयान देना चाहिए। इससे पूर्व प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद भाजपा सदस्य आसन के समीप आ गए और सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाने लगे। उनके आसन के पास आने पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि यह उचित नहीं है कि वे कार्यवाही में बाधा डालें। उन्‍होंने कहा कि वे अपनी बात कहने के बावजूद कार्यवाही बाधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त कर दी है। बाद में शून्यकाल में भाजपा के प्रकाश जावड़ेकर ने यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए और जिन किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है, उन्हें 31 मार्च 2013 तक इसका लाभ दिया जाए। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, March 6, 2013, 15:10

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