Last Updated: Monday, November 19, 2012, 21:46

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की योजनाओं से विचलित हुए बिना कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि रिटेल एफडीआई को लेकर यदि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है या फिर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत कोई प्रस्ताव आया तो सरकार लोकसभा में बहुमत साबित कर लेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने यहां संवाददाताओं से कहा,‘हमें नंबर को लेकर पूरा विश्वास है और यदि कोई ऐसा प्रस्ताव आया तो हम लोकसभा के पटल पर बहुमत साबित कर लेंगे। हमारे पास 272 से अधिक का आंकड़ा है।’
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विश्वास मत हासिल करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है जैसा 2008 में भारत-पाक परमाणु सौदे के मुद्दे पर संप्रग-1 के समय हुआ था। उस समय वाम दलों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
दीक्षित ने कहा कि 2008 के मुकाबले अब हालात बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 54 सांसदों के दस्तखत जरूरी होते हैं। साथ ही संकेत दिया कि ममता की पार्टी के लोकसभा में महज 19 सांसद हैं और उन्हें संभवत: अन्य पार्टियों से अविश्वास प्रस्ताव को लेकर समर्थन हासिल नहीं होगा।
उधर, सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि संसद के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि 19 सांसदों वाली किसी पार्टी ने ऐसा कोई कदम उठाया हो। 19 सदस्यों वाली पार्टी आज अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रही है । संसद के इतिहास में यह बहुत विचित्र स्थिति है।
इसके बावजूद तिवारी ने उम्मीद जताई कि ममता अपने फैसले पर गंभीरता से पुनर्विचार करेंगी क्योंकि तीन महीने पहले तक वह सरकार का हिस्सा थीं और तृणमूल के मंत्री भी सरकार का हिस्सा थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, November 19, 2012, 21:46